स्कूल की परीक्षाओं में अक्सर आदर्श विद्यार्थी पर निबंध पूछा जाता है। यहाँ आज हम Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12 के लिए लेकर आए हैं Aadarsh Vidyarthi पर निबंध
आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
आदर्श विद्यार्थी विद्यालय में सभी विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत होता है। हर कोई उसी की तरह होशियार बनना चाहता है लेकिन सभी के लिए यह संभव नहीं होता। कठिन परिश्रम और श्रेष्ठ चरित्र वाला ही एक आदर्श विद्यार्थी बन पाता है।
आदर्श विद्यार्थी (200 शब्द)
एक आदर्श विद्यार्थी वही होता है जो अपनी शिक्षा और व्यक्तित्व दोनों का विकास करता है। दूसरे विद्यार्थी उसे अपना आदर्श माने और उसी के जैसा बनने की ओर प्रयत्न करें ऐसा एक आदर्श विद्यार्थी का चरित्र और आचरण होता है।
एक आदर्श विद्यार्थी विद्यालय में अपनी पढ़ाई पर ध्यान देता है और साथ ही साथ अन्य खेल-खूद और प्रतियोगिताओं में भी भाग लेता है। वह बुरे लोगों और आदतों से दूर रहता है और हमेशा अच्छे और सच्चे लोगों की संगत करता है।
स्कूल मे अपने अध्यापकों का सम्मान और घर मे अपने माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान उसके चरित्र में होता है। आदर्श विद्यार्थी की जीवन शैली भी अनुशासित होती है वो सुबह जल्दी उठता है और व्यायाम करता है, समय पर भोजन करना और रात्रि मे समय पर सोना उसकी आदत होती है।
एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान देता है और उसे पाने का तब तक प्रयत्न करता रहता है जब तक वो उसे प्राप्त नहीं कर लेता।
ऐसे ही आदर्शों पर चलने वाले विद्यार्थी एक दिन बड़े होकर डॉक्टर, वैज्ञानिक, आईएएस-आईपीएस ऑफिसर, वकील,बिज़नस मेन बनते हैं और देश की उन्नति में अपना योगदान देते हैं। हम सभी को अपने विद्यार्थी जीवन में एक आदर्श विद्यार्थी की तरह बनना चाहिए।
आदर्श विद्यार्थी (350 शब्द)
एक आदर्श विद्यार्थी वही है जो ज्ञान अर्जित करना ही अपने विद्यार्थी काल का मुख्य उद्देश्य समझता है और ज्ञान प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहता है। वो आदर्श विद्यार्थी नहीं है जिसका मन विद्या में नहीं लगता, आलस करता है और किसी का सम्मान नहीं करता।
एक आदर्श विद्यार्थी अपने स्वभाव से नम्र, विवेकशील और सहनशील होता है और आगे चलकर शिक्षा प्राप्त कर देश का एक आदर्श नागरिक बनता है।
आदर्श विद्यार्थी को पढ़ने-लिखने मे ज्यादा दिलचस्पी होती है और उसका ज्यादा समय अच्छी-अच्छी पुस्तकों को पढ़ने में व्यतीत होता है, विद्यालय मे वह अपने गुरुजनों का आदर करता है और उनके हर आदेश का पालन करता है तो वहीं घर मे अपने माता-पिता का सम्मान करता है।
एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा अच्छे लोगों की संगति करता है और उसके साथ रहने वाले विद्यार्थी भी उसके आदर्शों पर चलते हैं ऐसा उसका चरित्र होता है।
सुबह जल्दी उठना, योग-व्यायाम करना, समय पर और नियमित स्कूल जाना, स्कूल मे पढ़ने के साथ साथ अन्य क्रियाओं में भी भाग लेना, सभी से विनम्रता से व्यवहार, दूसरों की मदद करना, पढ़ाई-लिखाई में तेज होना – ये एक आदर्श विद्यार्थी के लक्षण होते हैं।
एक आदर्श विद्यार्थी हर जगह सम्मान प्राप्त करता है, स्कूल मे वह अपने शिक्षकों का प्रिय होता है और वहीं समाज में लोग उसे बड़े ही सम्मान की नज़र से देखते हैं। वह जहां भी जाता है लोग उसके व्यक्तित्व से प्रभावित जरूर होते हैं।
एक आदर्शवान और अनुशासित जीवन जीने वाला विद्यार्थी ही आगे चलकर एक सफल डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, पुलिस ऑफिसर, बिज़नस मेन और वैज्ञानिक बनता है और राष्ट्र निर्माण मे अपना योगदान देता है।
यदि हमें भी एक आदर्श विद्यार्थी बनना है तो सबसे पहले अपनी जीवनशैली को बदलना होगा और हमेशा अच्छे लोगों को संगति करनी चाहिए, स्कूल मे हमेशा अपने गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए और अपना ध्यान पढ़ाई में लगाना चाहिए। समाज में हमें अपनी छवि का साफ-सुथरा रखना चाहिए और माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
विद्यार्थी काल मे हर किसी को एक आदर्श विद्यार्थी की तरह बनना चाहिए क्यूंकी तभी हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकेंगे और तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा।
आदर्श विद्यार्थी (600 शब्द)
एक आदर्श विद्यार्थी हर कोई बनना चाहता है लेकिन विद्यालय में कुछ ही विद्यार्थी होते हैं जो अपने आपको दूसरों के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित कर पाते हैं। आदर्श विद्यार्थी का जीवन ऐसा होना चाहिए की दूसरे उसके जीवन से प्रेरणा ले सकें और उसके जैसा बनने का प्रयत्न करें।
आदर्श विद्यार्थी का चरित्र
आदर्श विद्यार्थी का स्वभाव ही है जो उसे दूसरे विद्यार्थियों से महान बनाता है। उसका स्वभाव नम्र, सहनशील और दयावान होता है। वो हमेशा अच्छे लोगों की संगति मे रहता है और बुरे लोगों को भी सुधारने का प्रयत्न करता है। दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना वो अपना कर्तव्य समझता है।
आदर्श विद्यार्थी विद्यालय में
विद्यालय में आदर्श विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों की अपेक्षा सबसे होशियार होता है चाहे वो पढ़ाई हो या अन्य खेल-कूद जैसी क्रियाएँ। स्कूल मे वह अपना पूरा ध्यान पढ़ाई मे लगाता है। शिक्षक जिस विषय पर भी पढ़ा रहे हैं उसे शांति से समझता है और मन में कोई प्रश्न होने पर पूछता भी है।
वह हमेशा अपने स्कूल अद्यापकों का सम्मान करता है और शिक्षक जो भी कहते हैं उसे करने के लिए तत्पर रहता है। विद्यालय मे आदर्श विद्यार्थी का व्यवहार सभी लोगों के साथ बड़ा ही विनम्र होता है, सभी की वो मदद करता है।
विद्यालय में नाटक, खेल-कूद, प्रतियोगिताओं में वह बढ़-चढ़कर भाग लेता है और हमेशा आगे रहता है। स्कूल मे वह समय पर उपस्थित होता है और नियमित स्कूल जाता है।
आदर्श विद्यार्थी घर में
घर में भी एक आदर्श विद्यार्थी बड़े ही अनुशासन का जीवन जीता है। सुबह शीघ्र उठना, योग-व्यायाम आदि करना, कुछ घंटे पढ़ना, उसके बाद स्कूल जाने के लिए तैयार होना ये उसकी रोज की क्रिया होती है।
घर मे अपने माँ-बाप का सम्मान करना और उनकी हर बात मानना आदर्श विद्यार्थी के चरित्र में होता है। घर में भी वह पढ़ने लिखने, गृहकार्य करने के साथ-साथ कुछ समय मनोरंजन में व्यतीत करता है। रात्रि मे समय पर भोजन करना और समय पर सोना भी उसकी आदतों में शामिल होता है।
आदर्श विद्यार्थी समाज में
समाज मे आदर्श विद्यार्थी हमेशा सम्मान का पात्र होता है। लोगों को कोई भी कार्य होता है तो वो उसकी राय लेते हैं। आदर्श विद्यार्थी अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को भी अच्छी तरह से निभाता है। अपने आस-पास के वातावरण को साफ और शुद्ध रखना, पेड़-पौधों की देख भाल करना, समाज के लोगों की मदद करना ये उसके दैनिक कार्य होते हैं।
आदर्श विद्यार्थी त्योहारों को भी बड़े धूम-धाम के साथ मनाता है और गरीब लोगों की मदद भी करता है।
कैसे बनें एक आदर्श विद्यार्थी
एक आदर्श विद्यार्थी बनना इतना आसान नहीं क्यूंकी उसके लिए चाहिए समर्पण, परिश्रम और सहनशक्ति।
- सबसे पहले हमें विद्यालय नियमित रूप से और समय पर जाना चाहिए।
- विद्यालय में पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और अपने अद्यापकों का सदैव सम्मान करना चाहिए।
- विद्यालय में अन्य क्रियाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए और अपने कौशल को दिखाना चाहिए।
- गलत संगत कभी नहीं करनी चाहिए, हमेशा अच्छे लोगों की संगति करना चाहिए।
- घर मे अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए और उनकी बात मानना चाहिए
- अपना गृहकार्य नियमित रूप से करना चाहिए और घर में भी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।
- सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चाहिए और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना चाहिए।
- समाज में भी हमें अपनी छवि को ऐसा बनाना चाहिए की लोग हमारा सम्मान करें।
एक आदर्श विद्यार्थी ही आगे चलकर अपने जीवन में सफल बन पाता है और ऊंचे पद पर काम करता है। देश के निर्माण में और देश को आगे ले जाने में सबसे बड़ा हाथ अगर किसी का होता है तो वो हैं आदर्श विद्यार्थी। हम सभी को एक आदर्श विद्यार्थी की तरह बनना चाहिए।
It is op
What is your name
Thanks
Free fire ?
Op??
I love this essay thankyou so much
Aacha Patra hai an ideal student
Hii
Adarsh vidarty ka upar essay
Class5th
Very good 👍