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बाल दिवस पर निबंध – Children’s Day Essay in Hindi

बाल दिवस हिन्दी निबंध | Childrens Day Hindi Essay

बाल दिवस के मौके पर स्कूलों में इस विषय पर निबंध लेखन का आयोजन किया जाता है, इसलिए यहाँ हम आप सभी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बाल दिवस पर निबंध लेखन लेकर आए हैं।

बाल दिवस पर निबंध (150 शब्द)

बाल दिवस यानि की बच्चों का दिन। दुनिया भर में Childrens Day के रूप में अलग – अलग तारीख को इसे मनाया जाता है। हमारे देश भारत मे बाल दिवस हर वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिन भी आता है, उन्हीं के जन्मदिन के मौके पर 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बहुत प्रिय थे और बच्चे भी उन्हें “चाचा नेहरू” कहकर पुकारते थे। बालदिवस के मौके पर चाचा नेहरू को याद किया जाता है और बच्चों को समर्पित इस दिन को स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाता है।

बाल दिवस बच्चों के अधिकारों, उनके कल्याण और सुंदर भविष्य के लिए मनाया जाने वाला राष्ट्रिय पर्व है। इस मोके पर बच्चे कई तरह के नाटक, प्रतियोगिता, चित्रकाम, खेलकूद, नृत्य आदि में भाग लेते हैं और हर्षोल्लाष के साथ यह दिवस मनाते हैं।

बाल दिवस (200 शब्द)

हमारे भारत देश में 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है,इसी दिन यानि की 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन भी आता है। पंडित नेहरूजी को बच्चे अत्यंत प्रिय थे और वे अपना काफी समय बच्चों के साथ व्यतीत करते थे। बच्चे नेहरुजी को प्यार से “चाचा नेहरू” कहकर बुलाते थे।

बाल दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है लेकिन हर देश में इसे मनाने की अलग-अलग तिथि है।दुनिया में यह दिन वर्ल्ड चिल्ड्रेन डे के रूप मे मनाया जाता है।

बाल दिवस को मनाने का मुख्य कारण बच्चों के अधिकारों के लिए और उनके सुंदर भविष्य के लिए प्रयत्न करना। आज भी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है। उन्हें उनकी मूलभूत जरूरतों से वंचित रखा जाता है। बच्चों को बेहतर शिक्षा देना, पोषण देना और सुरक्षा देना यह हर देश की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसी बात का एहसास कराने के लिए हर वर्ष हम बाल दिवस मनाते हैं।

बाल दिवस के मौके पर स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में तरह तरह के नाटक, कार्यक्रम, चित्रकाम, नृत्य, खेलकूद, निबंध लेखन, वेषभूषा आदि रंगा रंग कार्यक्रम होते हैं। इस दिन चाचा नेहरू को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की जाती है।

बाल दिवस निबंध (300 शब्द)

बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू के जन्मदिन के मोके पर भारत में हर वर्ष हम 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। भारत देश में ही नहीं पूरी दुनिया में बच्चों को समर्पित इस दिन को मनाया जाता है।
बाल दिवस मतलब बच्चों का दिन। इस दिन को मनाने के पीछे एक ही मकसद है देश के बच्चों की भलाई, उनका सुंदर भविष्य।

आज भी हमारे देश में हम देखते हैं बच्चों का शोषण होता है। बाल मजूरी, बाल विवाह, कुपोषण, अशिक्षा, दुर्व्यवहार, हिंसा आदि का शिकार बच्चे होते हैं। किसी भी देश के लिए बच्चे उनका भविष्य होते हैं और अगर उनके साथ ऐसा अत्याचार होगा तो उस देश का क्या भविष्य होगा।

बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, बेहतर पोषण मिले, उनके खिलाफ होने वाले अपराध खतम हों, उनका भविष्य उज्ज्वल बनें इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर दुनिया का हर देश बाल दिवस को मनाता है।

भारत देश के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू जी को बच्चे अत्यंत प्रिय थे, अपना काफी समय वो बच्चों के साथ बिताते थे, इसीलिए उनके जन्मदिवस को हम बाल दिवस के रूप में मनाते हैं।

बाल दिवस के अवसर पर स्कूलों में तरह तरह के आयोजन किए जाते हैं और बच्चे उसमें बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। नाटक, नृत्य, चित्रकाम, खेलकूद, निबंध लेखन, भाषण, वेश भूषा आदि कार्यक्रम स्कूल, कॉलेज में आयोजित किए जाते हैं।

बाल दिवस के दिन एक काम और हम कर सकते हैं वो यह की गरीब बच्चों की मदद करना। हमारे आस-पास ऐसे कई बच्चे हैं जो की मजदूरी करते हैं, स्कूल नहीं जा पाते, ऐसे बच्चों की मदद हम कर सकते हैं और उन्हें भी एक अच्छा भविष्य मिले ऐसा प्रयत्न कर सकते हैं।

बच्चे ही देश का कल हैं और इसलिए उनके आज को हमें सुरक्षित करना होगा, बाल दिवस के दिन सभी यही प्रण लेते हैं।

बाल दिवस (500 शब्द)

प्रस्तावना

बाल दिवस यानि बच्चों को समर्पित दिन। यह दिन होता है बच्चों का दिन। बड़े लोग भी इस दिन बच्चे बनकर उनके साथ शामिल होकर इस दिन को मनाते हैं। इस दिन बच्चे खूब मस्ती करते हैं और उत्साह के साथ यह दिन मनाते हैं।

14 नवंबर बालदिवस का दिन

भारत देश में बाल दिवस हर साल 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है क्यूंकी इसी दिन देश के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन मनाया जाता है। बच्चों के लिए नेहरुजी के हृदय में अपार स्नेह था। जब भी उन्हें समय मिलता था वे बच्चों के साथ अपना समय व्यतीत किया करते थे और उन्हें अच्छी अच्छी बातें बताया करते थे।

बच्चे भी नेहरुजी को बहुत प्यार करते थे और उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर संबोधित किया करते थे। बच्चों और चाचा नेहरू के बीच इसी प्रेम को ध्यान में रखकर हर साल 14 नवंबर के दिन देश में बालदिवस मनाया जाता है।

विश्व में बाल दिवस

केवल भारत देश में ही नहीं पूरी दुनिया मे बाल दिवस को मनाया जाता है। दुनिया में इसे World Childrens Day के रूप मे मनाया जाता है। UNICEF जो की बच्चों के विकास के लिए पूरी दुनिया में काम करती है, उनके मार्ग दर्शन में पूरी दुनिया के बच्चों के लिए कल्याण हेतु विश्व बाल दिवस मनाया जाता है। यह संस्था बच्चों के सामाजिक विकास के लिए कार्य करती है और जिन देशों में बच्चों का शोषण हो रहा है वहाँ जरूरी मदद करती है।

बाल दिवस मनाने का कारण

बच्चे ही हमारा कल हैं इसलिए हमें आज से ही अपने बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाना चाहिए। आज भी बच्चे किसी ना किसी अन्याय का शिकार हैं। गरीब बच्चों को आज भी पोषण युक्त भोजन नहीं मिलता, शिक्षा नहीं मिलती, बच्चे बाल मज़दूरी का शिकार होते हैं, उनके प्रति हिंसा होतीं हैं और ना जाने कितने ही ऐसे अपराध हैं जो रोज बच्चों के साथ होते हैं।

बच्चों को उनके अधिकार मिलें, शिक्षा मिले, बेहतर पोषण मिले, और उनके खिलाफ होने वाली हिंसा और अपराध कम हों इसलिए बाल दिवस को मनाया जाता है और समाज में बच्चों की स्थिति सुधरे इसके लिए जागरूकता फैलाई जाती है। बाल दिवस बच्चों के कल्याण और उनके अच्छे भविष्य को समर्पित है।

बाल दिवस के दिन आयोजन

बाल दिवस को खास तौर पर स्कूलों में और अन्य शैक्षणिक संस्थानो में मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में बच्चे रंग-बिरंगे नए कपड़े पहनकर आते हैं और तरह तरह के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। नृत्य, खेलकूद, भाषण, निबंध लेखन, नाटक आदि का आयोजन किया जाता है। इस दिन बच्चे अपने चाचा नेहरू को याद करते हैं और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।

बाल दिवस के मोके पर गरीब बच्चों को कपड़े, पुस्तकें, स्कूल बेग आदि का वितरण किया जाता है ताकि वो भी स्कूल जा सकें।

उपसंहार

बाल दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एक ही है और वो है देश का भविष्य, हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो। किसी भी बच्चे के साथ अन्याय ना हो। किसी भी देश का भविष्य बच्चे ही तय करते हैं इसलिए उनका विशेष ध्यान रखने की ज़िम्मेदारी हम सबकी है।

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