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भ्रष्टाचार पर निबंध – Corruption Essay in Hindi

भ्रष्टाचार पर निबंध | Bhrashtachar Essay in Hindi

भ्रष्टाचार आज देश के सामने खड़ी सबसे बड़ी समस्या है। इसके लिए हमें शिक्षित होने की जरूरत है। यहाँ हम कक्षा 1 से लेकर 12 तक के छात्रों के लिए निबंध लेकर आए हैं। 150 शब्दों से लेकर 1000 शब्दों तक के निबंध की तैयारी आप कर सकते हैं।

भ्रष्टाचार पर निबंध (150 शब्द)

जब हमारा अपने कार्य के प्रति आचरण भ्रष्ट हो जाता है तभी हमारे अंदर भ्रष्टाचार का जन्म होता है। हमारे देश में भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह फैला है जो धीरे-धीरे इस देश की अर्थ व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था को खोखला करता जा रहा है। आज सबसे बड़ी चुनौती हमारे सामने अगर कोई है तो वो है भ्रष्टाचार।

किसी भी देश के लिए आगे बढ्ने में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा रोड़ा है, वो देश कभी भी प्रगति नहीं कर सकता जहां चारो तरफ भ्रष्टाचार फैला हो। अगर हमें भी अपने देश को प्रगतिशील बनाना है तो सबसे पहले भ्रष्टाचार के जहर को फैलने से रोकना होगा।

व्यक्ति जब अपने कार्य के प्रति वफादार नहीं होता है और उस कार्य में अनैतिक कामों को करता है तब जन्म होता है भ्रष्टाचार का। भ्रष्टाचार कहीं भी जन्म ले सकता है चाहे वो सरकारी ऑफिस हो या कोई राजनेता या कोई बड़ा महकमा।

अगर इस हमें रोकना है तो सबसे पहले हर काम में पारदर्शिता लानी होगी। आइये हम सभी यह प्रण करें की ना भ्रष्टाचार करेंगे और ना किसी को करने देंगे।

भ्रष्टाचार की समस्या (300 शब्द)

किसी भी देश की प्रगति में सबसे बड़ा हाथ वहाँ की सिस्टम में होता है, अगर उस देश के शीर्ष पर बैठे लोग ईमानदार होंगे तभी वह देश आगे बढ़ सकता हैं। वो देश कभी विकास नहीं कर सकता जहां भ्रष्टाचार ने अपनी जड़ों को मजबूत कर लिया हो। आज हमारे देश में भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी समस्या है, सिर्फ हमारा देश ही नहीं दुनिया मे ऐसे कई देश हैं जहां भ्रष्टाचार चरम पर है और खा रहा है देश की अर्थ व्यवस्था को।

अपने कार्य के प्रति ईमानदार ना होना और उसमें अपने गलत आचरण को शामिल करना ही भ्रष्टाचार को जन्म देता है। भ्रष्टाचार किसी भी जगह जन्म ले सकता है। आज हम देखते हैं की कोई भी सरकारी काम बिना रिश्वत दिये पूरा नहीं होता। पुलिस को पैसे देकर लोग बच जाते हैं, राजनीति मे शामिल लोग करोड़ो रुपयों का भ्रष्टाचार करते हैं। इसी तरह जब देश मे अरबों रुपया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता है तब देश बर्बादी की तरफ बढ़ता है।

भ्रष्टाचार फैलाने में सिर्फ वो लोग दोषी नहीं जो अपने काम में ईमानदारी नहीं दिखाते अपितु वो लोग भी उतने ही दोषी हैं जो ऐसे लोगों को पैसे देकर अपना काम गलत तरीके से करवाते हैं। रिश्वत लेनेवाला और देने वाला दोनों ही समान दोषित होते हैं।

भ्रष्टाचार को मिटाना इतना आसान नहीं क्यूंकी यह एक जहर की तरह हर जगह फैला है और हमारे बीच ही रहता है। अगर इसे हमें खतम करना है तो सबको एक कसम खानी होगी की कभी भी पैसे देकर अपना काम नहीं करवाएँगे, एक ईमानदार सरकार चुनेंगे, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आवाज उठाएंगे। सरकार को भी चाहिए की अपने सभी दफ़तरों के कामों में पारदर्शिता लाये और ऐसे गठन की रचना करे जो भ्रष्टाचार के मामलों का निबटारा कर सके।

आइये हम सब एक होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जंग की शुरुआत करते हैं और हमें तब तक नहीं रुकना है जब तक इसे हम जड़ से नहीं उखाड़ फेंकते।

भ्रष्टाचार पर निबंध (600 शब्द)

किसी भी देश की तरक्की तभी हो सकती है जब उस देश की सरकार उस देश के लोग ईमानदारी से अपना काम करें। लेकिन जब हम अपनी ईमानदारी को भूलकर अपने काम में बेईमानी को जगह देते हैं तब पैदा होता है भ्रष्टाचार।

भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह काम करता है और देश, समाज को खोखला बना देता है। हमारे देश में आज बिना पैसों की लेन-देन के कोई काम नहीं होता। पहले पैसा दो और फिर अपना काम करवाओ। सिर्फ यही नहीं कुछ लोग अपने काम करवाने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल करते हैं और काम करने वाले को रिश्वत देते हैं। यही सब ही तो है भ्रष्टाचार।

भ्रष्टाचार को आप हर जगह देख सकते हैं, चाहे वो कोई सरकारी ऑफिस हो या कोई राजनीतिक पार्टी या फिर कोई जवाबदार पद पर बैठा व्यक्ति हर कोई इसमें लिप्त है। भ्रष्टाचार की वजह से सबसे बड़ा नुकसान आम आदमी को होता है, जो पैसा या सुविधाएं सरकार उसके लिए देती है वो बिचौलिये हड़प जाते हैं और जिनका अधिकार है वो उससे वंचित ही रहते हैं।

आज आपको रैशन कार्ड बनवाना हो या ड्राइविंग लायसंस वहाँ भी आप रिश्वत देंगे तो आपका काम पहले किया जाएगा। राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो सबसे ज्यादा और सबसे बड़ा भ्रष्टाचार अगर कोई करता है तो वो हैं देश की सत्ताधारी राजनैतिक पार्टियां। करोड़ो, अरबों रुपयों का भ्रष्टाचार देश के सामने आना अब आम बात हो गयी है। यही राजनीतिक लोग चुनाव के समय भी पैसों या वस्तु की लालच देकर लोगों के वोट हासिल कर लेते हैं इसे भी हम भ्रष्टाचार की कहेंगे।

इसी प्रकार हर महकमे में भ्रष्टाचार की बीमारी फैली हुई है, लेकिन इस फैला कोन रहा है, क्या ये हमने कभी सोचा है?

भ्रष्टाचार को फैलाने में सिर्फ वो  दोषी नहीं जो पैसा या रिश्वत लेकर काम करता है बल्कि वो लोग भी दोषी हैं जो रिश्वत का लालच देते हैं। जब व्यक्ति के मन में अपने काम को लेकर असंतोष हो, उसे वो सब नहीं मिल रहा हो जो वो चाहता है, तो वो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने काम में अनैतिक चीजों को अपना लेता है और वो भ्रष्ट हो जाता है।

उसी प्रकार जब हमारा कोई काम आसान तरीके से नहीं होता तब हम पैसा देकर अपना काम कराते हैं तो फिर यहाँ हम भी एक भ्रष्टाचारी ही हुये। भ्रष्टाचार को फैलाने में हर कोई  दोषी है, शायद इसीलिए यह एक विकराल रूप ले रहा है और देश की अर्थ व्यवस्था को निगल रहा है।

क्या भ्रष्टाचार को हम नहीं मिटा सकते?

मिटा सकते हैं लेकिन उसके लिए हमें अपने आप से ये वादा करना होगा की आज से हम पैसा देकर अपना काम नहीं करवाएंगे और जो भी हम से रिश्वत मांगने की कोशिश करेगा उसका पर्दाफाश करेंगे।
हमें राजनीति के उन लोगों का बहिष्कार करना होगा जो भ्रष्टाचार में लिप्त है और जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। आज हम देखते हैं भ्रष्टाचार के जिन पर आरोप होते हैं वो भी चुनाव लड़कर विजयी होते हैं और हमारे प्रतिनिधि बन जाते हैं। ऐसे भ्रष्ट लोगों का बहिष्कार करना होगा।

एक ईमानदार सरकार ही भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर सकती है इसलिए हमें देश को एक  ईमानदार सरकार चुनकर देना चाहिए। आम लोगों तक सरकारी पैसा और सुविधाएं पहुंचे और बिचौलिये उसका लाभ ना ले पाएँ इसके लिए पारदर्शी सिस्टम तैयार करने की जरूरत है।

भ्रष्टाचार को जड़ से खतम कर सकें इसके लिए सबसे जरूरी है की देश मे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कडा कानून बने ताकि जो लोग इसमें लिप्त हैं उनके मन में डर पैदा हो। जब तक हम एक ईमानदार और जवाबदार नागरिक नहीं बनेंगे तब तक भ्रष्टाचार को खतम नहीं कर सकते, हम सभी को अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी निभाने की जरूरत है।

भ्रष्टाचार पर निबंध (1000 शब्द)

प्रस्तावना

किसी भी पद पर बैठा व्यक्ति जब लालच या स्वार्थ के कारण अपने पद का दुरुपयोग करता है और गलत प्रवर्ती में लिप्त हो जाता है तो उसे हम भ्रष्टाचार कहते हैं, मतलब व्यक्ति का आचरण भ्रष्ट हो जाना ही भ्रष्टाचार है।

आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार की है, और इसकी जड़ें बहुत गहराई में हैं। कोई भी देश तब तक विकास नहीं कर सकता जब तक ईमानदारी के साथ उस देश का नागरिक अपना काम ना करे। अगर सब भ्रष्टाचार में लिप्त हैं तब तो हम कह सकते हैं की  उस देश का पतन निश्चित होता है।

हमारे भारत देश में भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। हर जगह यह पनप रहा है और देश को खोखला कर रहा है। आज कोई भी काम बिना पैसों के नहीं होता, वोटों को पैसों से खरीद लिया जाता है, चीज-वस्तुओं में मिलावट होना आम बात है, करोड़ो रुपयों के घोटाले अब आम हैं।

भ्रष्टाचार के मुख्य प्रकार

कोई अनैतिक तरीके से किया गया काम भ्रष्टाचार कहलाता है इसको हम कुछ प्रकारों में बाँट सकते हैं:

1. राजनीतिक
देश पर शासन करने वाले ही जब भ्रष्टाचार में लिप्त रहने लगेंगे तो सोचिए उस देश का कैसा भविष्य होगा, क्या वो देश कभी आगे बढ़ सकता है, नहीं बिलकुल नहीं। आए दिन हम राजनीति से जुड़े लोगों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को सुनते हैं। करोड़ो रुपयों का घोटाला किए हुये ऐसे राजनीतिक लोग इस देश के लिए दीमक के समान हैं।

चुनाव के समय लोगों को पैसों की लालच देना, चीज वस्तु की लालच देना और वोटों को हासिल करने का खेल हम देखते हैं। ये भी एक भ्रष्टाचार ही है। जरा सोचिए वोटों को खरीद कर चुने हुये प्रतिनिधि इस देश का क्या विकास करेंगे।

ऊंची सत्ता हासिल करने के बाद ऐसे राजनीतिक लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप तो लगते हैं लेकिन उन्हें किसी भी तरह की सजा नहीं मिलती।

2. प्रशासनिक
आज किसी भी सरकारी ऑफिस का कचेरी में आप चले जाइए, बिना पैसों की लेन देन के कोई आपका काम नहीं करेगा। पहले पैसा दो, फिर अपना काम कराओ। अब तो लोगों को भी ये समझ में आ गया है की बिना पैसों के काम नहीं होने वाला इसलिए वो पहले से ही पैसा देकर अपना काम करा लेते हैं।
कोई भी सरकारी काम हो आपसे रिश्वत मांगी जाती है, अगर कोई ईमानदार रिश्वत नहीं देता है तो उसका काम नहीं होता, उसे परेशान किया जाता है।

ऐसा ही हाल अन्य सरकारी विभागों का है जहां पहले रिश्वत ली जाती है और फिर काम किया जाता है। पूरा प्रशासन इसमें लिप्त है। सरकार द्वारा चलायी जा रहीं कई योजानाओं का पैसा गरीबों तक नहीं पहुँच पाता क्योंकि सरकारी कार्यालयों में बैठे भ्रष्ट लोग उन्हें हड़प कर जाते हैं।

3. व्यावसायिक
आज चीज-वस्तुओं में मिलावट होना आम बात हो गयी है। अधिक पैसा कमाने की होड में लोग चीज-वस्तुओं में तरह-तरह की मिलावट करते हैं। नकली चीजों की तो भरमार है और लोगों को नकली चीजें बेचकर खूब ठगा जाता है, यही होता है व्यावसायिक भ्रष्टाचार।

भ्रष्टाचार से होने वाले नुकसान

कोई भी देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक भ्रष्टाचार जड़ से खतम नहीं होता। आज जो देश विकास कर रहे हैं वहाँ काम करने में पारदर्शिता है, लोगों में विश्वास की भावना है। भ्रष्टाचार देश को आर्थिक रूप से कंगाल कर देता है। आज कई देश ऐसे हैं जहां भ्रष्टाचार चरम पर है और वो देश बरबादी की कगार पर हैं।

राजनीति में घुसे हुये लोग जो इस देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जब वही भ्रष्टाचारी होंगे तो क्या उम्मीद हम कर सकते हैं।

भ्रष्टाचार की वजह से गरीब और ज्यादा गरीब हो गया है और अमीर व्यक्ति और ज्यादा अमीर। समाज में अमीरी-गरीबी की एक खाई बन गयी है। लोगों को अपना काम कराने के लिए पैसा देना पड़ता है और पैसा ना दो तो उनका काम नहीं होता।

सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार होने की वजह से लोगों का भरोसा टूटा है जिसकी वजह से प्रजा और प्रशासन के बीच एक अविश्ववास की भावना पैदा हुई है।

जो लायक है उनको कोई काम नहीं मिलता जबकि जो किसी लायक नहीं वो रिश्वत देकर ऊचे पदों पर बैठ जाते हैं। चुनावों में खूब भ्रष्टाचार होता है जिसकी वजह से ऐसे लोग चुनकर आते हैं जो ना देश के लिए कुछ कर सकते हैं और ना देश के लोगों के लिए। ऐसे लोग सत्ता में आने के बाद आम लोगों के पैसों को बर्बाद करते हैं।

भ्रष्टाचार कैसे रोकें

ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका हल ना हो। बेशक भ्रष्टाचार आज हमारे देश मे दीमक की तरह फैला हो लेकिन अगर हम ठान लें की इसे हमें जड़ से खतम करना है तो हम जरूर ऐसा कर सकते हैं, समय जरूर लगेगा लेकिन बदलाव आने से कोई नहीं रोक सकता।

सबसे पहले तो हमें ऐसे लोगों का राजनीतिक भविष्य समाप्त करना होगा जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ऐसे लोगों को हमें वोट नहीं करना है। हमें किसी भी प्रकार की लालच में ना आकार सिर्फ ईमानदार प्रतिनिधि को ही चुनकर इस देश की सेवा में लाना होगा। यह हर नागरिक का कर्तव्य है की वो हमेशा सही लोगों को अपना कीमती वोट दे।

दूसरी चीज हमें आज से यह शपथ लेनी है की किसी भी सरकारी कार्य के लिए हमें किसी को रिश्वत नहीं देना है, अगर हम से कोई रिश्वत मांगता है तो उसका हमें पर्दाफाश करना चाहिए।

तीसरा काम हमें करना है मिलावट करने वालों के खिलाफ। जो भी व्यक्ति चीज-वस्तु में मिलावट करता है उसका बहिष्कार करना चाहिए।

सरकार को चाहिए की वो ऐसे कड़े कानून और नियम बनाए की व्यक्ति भ्रष्टाचार करने से पहले हज़ार बार सोचे।

उपसंहार

भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी चुनौती है और जब तक आम आदमी एक साथ मिलकर इसके खिलाफ खड़ा नहीं होगा तब तक हम इस से नहीं लड़ सकते। हम सभी को एक नागरिक होने का फर्ज निभाना चाहिए क्यूंकी ये देश हमारा है और अगर हम चाहते हैं की हमारा देश विकास करे, आगे बढ़े तो आइये मिलकर एक साथ हम भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करें और कहें – भ्रष्टाचार हटाओ, देश बचाओ।

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