सिविल लॉ (Civil Law) के बारे मे तो आपने जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आपको वास्तव मे पता है की Civil law क्या होता है और इसकी क्या भूमिका होती है। अगर नहीं पता तो आज हम आपको इसके बारे मे बताने वाले हैं।
हमारे देश मे कई प्रकार के लॉ हैं जैसे की Civil law, Criminal law, property law, Company law, Cyber Law आदि आदि। जिस किसी भी Law से संबन्धित अगर कोई गलत काम होता है तो उसकी कार्यवाही उसी law के तहत की जाती है।
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सिविल लॉ क्या है – What is Civil Law in Hindi
संविधान से चलने वाले किसी भी देश के लिए Civil Law एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून की शाखा है। सिविल कानून में नियमों, प्रक्रियाओं, विनियमों और न्यायिक उदाहरणों का एक समूह होता है जो विभिन्न गैर-आपराधिक विवादों को हल करने में मदद करता है।
ये विवाद या तो व्यक्तियों या संगठनों के बीच हो सकता है या विभिन्न मुद्दों जैसे सामान्य मुद्दों, निजी मामलों, विवाह संघर्ष आदि पर हो सकते हैं।
Civil Law के अंतर्गत वो मामले आते हैं जो समाज मे व्यक्तियों के बीच या संगठन के बीच हो या फिर कोई निजी मामला हो या कोई विवाह संबन्धित विवाद हो वो सभी इस कानून के दायरे मे आते हैं।
उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति अगर Business मे आपके साथ कोई धोखा-धड़ी करता है तो आप उसे Civil court मे घसीट सकते हैं और उचित मुआवजा देने के लिए कोर्ट मे केस कर सकते हैं। आपके मामले को जो वकील handle करेगा उसे Civil lawyer कहते हैं।
Civil Law की कार्य-प्रणाली
Civil law का मुख्य काम पीड़ित पक्ष, संगठन्न, परिवार या कोई व्यक्ति विशेष को न्याय दिलाना है और उनके बीच के सभी विवादों को खतम कर मामला सुलझाना है।
Ciriminal law मे अगर आप देखें तो जो अपराधी या आरोपी होता है उसे दंड दिलाने के काम होता है लेकिन उसके विपरीत Civil law मे दंड देने की वजाय पीड़ित व्यक्ति को उचित मुआवजा मिले इस पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
सिविल लॉ के मामलों को सुनने के लिए Civil Court होतीं हैं जहां वकीलों और जजों की मदद से जो भी Civil matters होते हैं उनको सुलझाने के काम होता है।
Civil Law के अंतर्गत आने वाले मुद्दे
सिविल लॉ के अंतर्गत हमारे समाज मे रोजिंदा जिंदगी में घटने वाले मुद्दे ही शामिल हैं जो की इस प्रकार हैं।
Real Estate
Real Estate मे Property संबन्धित मामले आते हैं जैसे की घर खरीदने-बेचने मे धोखा-धड़ी, rent पर देना, जबरन कब्जा आदि सभी property से जुड़े मसले real estate मे आते हैं, इन मामलों को निपटाने के लिए आप सिविल कोर्ट जा सकते हैं।
अगर आपको पूरा पैसा देने के बाद भी नए घर की चाबी नहीं मिल रही तो आप उस बिल्डर को कोर्ट मे घसीट सकते हैं और उस पर Civil law के तहत कार्यवाही होगी।
Business
बिज़नस संबंधी आपके साथ कोई धोखा-धड़ी हुई हो, कर्मचारियों के साथ किसी कंपनी ने धोखा-अन्याय किया हो आदि मामले भी सिविल कोर्ट मे सुलझाये जाते हैं।
मान लो किसी कर्मचारी को उसकी कई महीने से salary ना मिली हो तो वो कर्मचारी संबन्धित कंपनी के खिलाफ केस कर सकता है।
शिक्षा संबंधी
शिक्षा से जुड़े जो भी मुद्दे हैं जैसे की शिक्षण संस्थानो मे भ्रष्टाचार, शिक्षक या विध्यार्थी की कोई शिकायत, Fraud करने वाले शिक्षण संस्थान आदि से जुड़े मामले हैं वो educational law मे आते हैं।
ग्राहक संबंधी
ग्राहक सुरक्षा से जुड़े मामले जैसे की ग्राहक के साथ धोखा, सही दाम पर चीज ना मिलना, वस्तु के खराब मिलना, Refund ना मिलना या कोई भी ग्राहक संबंधी धोखा-धड़ी अगर होती है तो वो मामला भी civil कोर्ट मे ले जाया जा सकता है।
Tax संबंधी
Tax से जुड़े जो भी मसले हैं वो भी civil लो के अंतर्गत आते हैं और उन्हें सुलझाने के लिए आप सिविल कोर्ट जा सकते हैं।
इसके अलावा विवाह संबंधी कोई भी मामला हो या दो संगठन के बीच कोई विवाद हो वो सभी मामले सिविल लो में आते हैं और आप उनके लिए civil कोर्ट जा सकते हैं।
Conclusion
देश के हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा करना और किसी भी प्रकार का अन्याय किसी भी नागरिक के साथ ना हो यही Civil law का मुख्य उद्देश्य है। सभी को समान अधिकार हमारे देश का संविधान देता है और जब भी कोई व्यक्ति या संगठन इसके विपरीत काम करते हैं तो उस पर Civil law के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।
आशा करते हैं अब आपको समझ मे आ गया होगा की Civil Law होता क्या है और यह किन मुद्दों के अंतर्गत आता है।