जी-20 (G20) विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। इसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जी-20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी, जिसका उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण और समन्वय को बढ़ावा देना था।
जी-20 के सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी शामिल है। जी-20 के शिखर सम्मेलन दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक आयोजनों में से एक हैं, और उनमें दुनिया के नेताओं और वित्त मंत्रियों के बीच चर्चा और बैठकें शामिल हैं।
जी-20 के कार्यक्षेत्र में निम्नलिखित शामिल हैं:
- वैश्विक आर्थिक स्थिरता
- वैश्विक व्यापार और निवेश
- जलवायु परिवर्तन
- आतंकवाद और आपराधिकता
- स्वास्थ्य
- शिक्षा
- महिला सशक्तिकरण
जी-20 की बैठकें आमतौर पर हर साल एक अलग देश में आयोजित की जाती हैं। 2023 की जी-20 अध्यक्षता भारत के पास है, और 9-10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
जी-20 का उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण और समन्वय को बढ़ावा देना है। यह विश्व के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक आयोजनों में से एक है, और यह दुनिया के नेताओं और वित्त मंत्रियों के बीच महत्वपूर्ण चर्चा और बैठकों को मंच प्रदान करता है।
G20 में शामिल देश
G20 दुनिया के 20 सबसे बड़े विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। इसका गठन 1999 में हुआ था, और इसका उद्देश्य वैश्विक आर्थिक समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देना है।
G20 के सदस्य हैं:
- अर्जेंटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राज़ील
- कनाडा
- चीन
- फ्रांस
- जर्मनी
- भारत
- इंडोनेशिया
- इटली
- जापान
- मैक्सिको
- रूस
- सऊदी अरब
- दक्षिण अफ्रीका
- दक्षिण कोरिया
- तुर्की
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
G20 की बैठकें हर साल आयोजित की जाती हैं, और इसमें सदस्य देशों के नेता, वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल होते हैं। बैठकों में वैश्विक आर्थिक विकास, व्यापार, वित्त, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
G20 ने दुनिया भर में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने में मदद की है, जिसमें 2008 की वैश्विक वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, और COVID-19 महामारी शामिल हैं।
G-20 अब से हो गया G-21
अफ़्रीका विश्व का सबसे ग़रीब और सबसे अधिक जलवायु-संवेदनशील क्षेत्र है, और अब यह G-20 के शक्तिशाली समूह का हिस्सा बन गया है और तकनीकी रूप से अब G-20 को G-21 कहा जाएगा।