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गांधी जयंती (2 अक्टूबर) पर निबंध | Hindi essay on Gandhi Jayanti

गांधी जयंती पर निबंध | 2 अक्टूबर पर निबंध | Hindi essay on Gandhi Jayanti 

2 अक्टूबर यानि राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी को याद करने का दिन। इस दिन को हम सभी भारतवासी गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं। हम सभी को यह पता होना चाहिए कि आखिर क्यूँ गांधी जयंती को मनाया जाता है और किस प्रकार मनाया जाता है। 

गांधी जयंती के अवसर पर स्कूलों में निबंध लेखन का आयोजन किया जाता है, इसी विषय पर हम भी आपके लिए निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। 

गांधी जयंती (2 अक्टूबर) निबंध (150 शब्द) 

गांधी जयंती भारत में मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय त्योहार है जिसे मोहनदास करमचंद गांधी की जन्म जयंती 2 अक्टूबर के दिन प्रति वर्ष मनाया जाता है। गांधी जयंती (2 अक्टूबर) यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। इसके साथ साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून 2007 को घोषणा की कि 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और प्रार्थना सेवाओं का आयोजन किया जाता है। राजघाट जो की नयी दिल्ली में स्थित है वहाँ इस अवसर पर देश के सभी गणमान्य लोग गांधीजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस अवसर पर गांधी का पसंदीदा भजन रघुपति राघव राजा राम, आमतौर पर उनकी स्मृति में गाया जाता है।

2 अक्टूबर के दिन देश भर में महात्मा गांधी की मूर्तियों को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है। स्थानीय सरकारी संस्थानों और सामाजिक-राजनीतिक संस्थानों द्वारा प्रार्थना सभाएं आयोजित की जातीं हैं और महात्मा गांधीजी को नमन किया जाता है।

गांधी जयंती पर निबंध (200 शब्द)

गांधी जयंती भारत के मुख्य राष्ट्रिय त्योहारों में से एक है जो की हर वर्ष 2 अक्टूबर के दिन महात्मा गांधी के जन्म दिन के मौके पर मनाया जाता है। इस दिन भारत में राष्ट्रिय अवकाश होता है और सभी सरकारी संस्थान, स्कूल, कॉलेज आदि बंद रहते हैं। महात्मा गांधी की जन्म जयंती को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी पूरे विश्व में मनाया जाता है क्यूंकी महात्मा गांधी को अहिंसा का पुजारी कहा जाता है।

गांधी जयंती (2 अक्टूबर) भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। गांधी जयंती के दिन पूरे भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी जाती है और प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता है। नई दिल्ली में गांधी के स्मारक जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था वहाँ देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सेनाअध्यक्ष और सभी गणमान्य लोग श्रद्धा के फूल अर्पित करते हैं।

अलग-अलग शहरों में स्थानीय सरकारी संस्थानों और सामाजिक-राजनीतिक संस्थानों द्वारा प्रार्थना सभाएं, श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों में चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी के अहिंसक तरीके से किए गए आंदोलन के कारण देश को आजादी मिली, इस दिन उनके इस योगदान को याद किया जाता है। इस अवसर पर गांधी का पसंदीदा भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ उनकी स्मृति में गाया जाता है। देश भर में महात्मा गांधी की मूर्तियों को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है और कुछ लोग शराब पीने या मांस खाने से बचते हैं।

अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर के दिन स्मरण करती है।

गांधी जयंती (2 अक्टूबर) निबंध (300 शब्द)

गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाया जाने वाला भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन को राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी के जन्मदिन के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें महात्मा गांधी या बापूजी के नाम से जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि गांधीजी अहिंसा के प्रचारक थे। वह शांति और सच्चाई का प्रतीक हैं।

गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के एक छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने यू.के. में कानून का अध्ययन किया और दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास किया। 13 साल की उम्र में कस्तूरबा के साथ उनका विवाह हुआ था। उन्होंने सरल जीवन और उच्च विचार का उदाहरण दिया था। पूज्य बापूजी धूम्रपान, शराब पीने और मांसाहार जैसे व्यसनों के खिलाफ थे।

गांधीजी सत्य और अहिंसा के अग्रणी थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए ‘सत्याग्रह’ (अहिंसा) आंदोलन शुरू किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दुनिया को यह बता दिया कि केवल अहिंसा के रास्ते से ही आजादी हासिल की जा सकती है।

देश भर के सभी संगठन इस दिन बंद रहते हैं और इस दिन राष्ट्रिय अवकाश रहता है। विशेष कार्यक्रम का आयोजन राज घाट, नई दिल्ली में किया जाता है जहाँ गांधी जी का अंतिम संस्कार किया गया था। इस दिन लोग प्रार्थना सभाएं करते हैं, श्रद्धांजलि देते हैं और गांधीजी का पसंदीदा गीत “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम …” गाते हैं।

इस अवसर पर देश के सभी माननीय व्यक्ति महात्मा गांधीजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। स्कूल, कॉलेज में निबंध लेखन, भाषण जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

महात्मा गांधी जी हमेशा कहते थे की “ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो जैसे तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।

गांधी जयंती पर निबंध (400 शब्द)

महात्मा गांधी का जन्मदिन (गांधी जयंती या महात्मा गांधी जयंती) प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। 2 अक्टूबर, 1869 महात्मा गांधी के जन्म की वर्षगांठ का दिन है। यह दिन राष्ट्रपिता गांधीजी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है।

देश का मुख्य राष्ट्रिय त्योहार होने कारण महात्मा गांधी जयंती के दिन भारत में सार्वजनिक अवकाश होता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थान और अन्य संगठन बंद रहते हैं।

गांधी जयंती कैसे मनाते हैं

पूरे भारत में महात्मा गांधी का जन्मदिन उन्हें याद करके मनाया जाता है। इस दिन पूरे देश में जगह-जगह प्रार्थना सभाएं आयोजित की जातीं हैं। पूरे भारत में महात्मा गांधीजी के स्मारकों पर फूल अर्पित किए जाते हैं। नयी दिल्ली में महात्मा गांधीजी के स्मारक राजघाट पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी गणमान्य राजनीतिक व्यक्ति गांधीजी को श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं।

स्कूल, कॉलेज आदि जगहों पर कला प्रदर्शनियां और निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जातीं हैं। महात्मा गांधी के जीवन और उपलब्धियों पर फिल्में और पुस्तक पठन का प्रदर्शन किया जाता है। इस दिन लोग “रघुपति राघव राजा राम”, “वैष्णव जन तो तेने कहिए” आदि गांधी के पसंदीदा भक्ति गीत गाते हैं। पूरे भारत में महात्मा गांधी की कई प्रतिमाओं पर फूलों या फूलों की मालाएं चढ़ाई जाती हैं।

महात्मा गांधीजी के बारे में

महात्मा गांधी, जिन्हें मोहनदास करमचंद गांधी के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को हुआ था और 30 जनवरी, 1948 को उनका निधन हो गया था। वह भारत में एक राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता थे और उन्होने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गांधीजी ने अहिंसक आंदोलन का रास्ता अपनाया और भारत से अंग्रेजों को खदेड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्हें भारत और दक्षिण अफ्रीका में अहिंसा के पुजारी के रूप में जाना जाता है। गांधीजी ने 1922 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की और नमक सत्याग्रह  (दांडी) मार्च 12 मार्च, 1930 को शुरू किया था। गांधी के प्रयासों से, भारत ने आखिरकार 15 अगस्त, 1947 को अपनी आजादी हासिल की। 30 जनवरी, 1948 को उनकी हत्या कर दी गई थी। महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ का अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को आयोजित किया जाता है।

गांधी जयंती के दिन सभी लोग बापुजी के बताए रास्ते पर चलने की कसम खाते हैं, अहिंसा का मार्ग अपनाते हैं और अपने जीवन में उनके विचार और मूल्यों को उतारने का प्रयास करते हैं।

गांधी जयंती (2 अक्टूबर) निबंध (600 शब्द)

गांधी जयंती – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। गांधीजी वो महा पुरुष हैं जिन्होने अपनी सादगी और दृढ़ इच्छा शक्ति से ब्रिटिश साम्राज्य से भारत को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें ‘बापू’ या ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में कानून का अध्ययन किया और दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास किया। लेकिन उन्होंने अपना पेशा छोड़ दिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए भारत लौट आए।

गांधीजी सत्य और अहिंसा के प्रचारक थे और शांति और सच्चाई के प्रतीक हैं। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए ‘सत्याग्रह’ आंदोलन शुरू किया। वह एक साधारण जीवन जीने और ‘स्वदेशी’ में विश्वास करते थे। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि अहिंसा के रास्ते से ही आजादी हासिल की जा सकती है।

कैसे मनाते हैं गांधी जयंती 

राजघाट में आयोजन: गांधी जयंती के दिन, राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री और अन्य प्रख्यात राजनीतिक नेता महात्मा गांधी की समाधि – राज घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। पूरे देश में सभी कार्यालय और स्कूल, कॉलेज इस दिन बंद रहते हैं।

नई दिल्ली में गांधी की समाधि, राजघाट में प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है। गांधी ने सभी धर्मों और समुदायों के प्रति जो सम्मान रखा था, उसे चिह्नित करने के लिए विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि इसमें भाग लेते हैं। सभी धर्मों की पवित्र पुस्तकों से छंद और प्रार्थनाएं पढ़ी जाती हैं। गांधी का पसंदीदा गीत, रघुपति राघव राजा राम , उनसे जुड़ी सभी प्रार्थना सभाओं में गाया जाता है। विभिन्न राज्यों की राजधानियों में भी प्रार्थना सभाएँ आयोजित की जाती हैं। गांधी जयंती पूरे देश में सरकारी और गैर सरकारी दोनों मंचों पर मनाई जाती है।

आम लोगों द्वारा: पूरे भारत में लोग प्रार्थना सभा, स्मारक समारोह और श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करते हैं। कला, विज्ञान और निबंध की प्रतियोगिताओं का प्रदर्शन किया जाता है। अहिंसात्मक जीवन जीने के लिए कई लोगों को पुरस्कार का वितरण किया जाता है। पूरे भारत में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं को सुंदर फूलों से सजाया जाता है। इस दिन कई लोग मांस और शराब का त्याग करने का वचन भी लेते हैं।

स्कूलों में: भारत में स्कूलों द्वारा हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। गांधी जयंती समारोह में स्कूलों के छात्र उत्साह से भाग लेते हैं। इस दिन को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। स्कूली छात्र बापू के सत्य और अहिंसा संदेश पर आधारित गीत गाते हैं, कविताओं का पाठ करते हैं और गांधीवादी दर्शन पर अपनी खुद के विचार प्रस्तुत करते हैं। छोटे बच्चे गांधीजी के साथ-साथ राष्ट्रवादी गीतों की प्रस्तुति देकर इस कार्यक्रम को मनाते हैं। छात्र बैनर का उपयोग करते हुए रैली में भी भाग लेते हैं जो पूरे देश में शांति और अहिंसा के महत्व को बताता है।

गांधीजी जयंती मनाने का कारण

भारत को स्वतंत्र कराने में जिन्होने सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया वह मोहनदास करमचंद गांधी थे। स्वतंत्रता संग्राम के समय देश के बड़े-बड़े राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व गांधीजी ने किया था। गांधीजी सत्य और अहिंसा में विश्वास रखते थे। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया।

गांधीजी का उद्देश्य एक ऐसे नए समाज का निर्माण करना था जो अहिंसक और ईमानदार व्यवहार करता हो। जहां सभी लोगों को एक समान माना जाता हो, और धर्म, रंग या जाति को लेकर किसी भी प्रकार भेदभाव ना किया जाता हो।

इस दुनिया में शांति और अहिंसा लाने के लिए महात्मा गांधी का योगदान अतुलनीय है। गांधी जयंती का दिन हमें यही संदेश देता है कि हम सभी महात्मा गांधीजी के बताए गए आदर्शों पर चलें, अहिंसा और शांति का मार्ग अपनाएं और सभी बिना किसी भेदभाव के एक होकर रहें।

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