गांधी जयंती पर भाषण | Speech on Gandhi Jayanti (2 October)
गांधी जयंती के अवसर पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थानों में महात्मा गांधीजी के बारे में अपने अपने विचार प्रस्तुत करने का आयोजन किया जाता है। यहाँ हम आपके लिए गांधी जयंती पर भाषण प्रस्तुत कर रहे हैं।
गांधी जयंती पर भाषण -1
गांधी जयंती हम सभी के लिए एक अवसर है कि हम शांति और अहिंसा पर महात्मा गांधी के आदर्शों के लिए खुद को समर्पित करें।
महात्मा गांधी ने कहा था, “अहिंसा मानव जाति की सबसे बड़ी ताकत है। यह मनुष्य के द्वारा बनाए गए विनाशकरी हथियारों से भी अधिक शक्तिशाली है …” गांधीजी का जीवन और कार्य सभी के लिए प्रेरणा है। गांधीजी का मानना था कि असहिष्णुता हिंसा का एक रूप है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया है।
महात्मा गांधी अकेले भारत के नहीं हैं बल्कि इस दुनिया की सम्पूर्ण मानव जाति के हैं। महात्मा गांधी 20 वीं सदी के सबसे प्रभावशाली भारतीय थे। महात्मा गांधीजी हमारा अतीत हैं, हमारा वर्तमान हैं और वह हमारा भविष्य भी हैं।
गांधी जयंती का यह दिन हम सभी के लिए राष्ट्रपिता को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का एक उपयुक्त अवसर है।
बहुत बहुत धन्यवाद!
गांधी जयंती पर भाषण -2
गांधी जयंती एक ऐसा दिन है जब हमें बापू के अहिंसा, शांति और सहिष्णुता के आदर्शों के लिए खुद को फिर से समर्पित करना चाहिए।
गांधीजी दुर्लभ दूरदर्शिता के साथ एक असाधारण क्रांतिकारी थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गांधीजी के निधन पर कहा था की, “प्रकाश दूर हो गया है और फिर भी यह एक हजार साल तक चमकेगा”।
गांधीजी ने जिन आदर्शों का पालन किया वह हमारी सामूहिक जीवन शैली का हिस्सा हैं और एक धरोहर है। गांधी जयंती हमारी विविधता, हमारी संस्कृति, हमारी कई भाषाओं, धर्मों और जीवन के विभिन्न तरीकों का उत्सव है।
बापू के विचार ही थे जिसने भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रयास करने वालों को आगे बढ़ाया। लोकतंत्र के प्रति हमारी गहरी और स्थायी प्रतिबद्धता इस विचार से उपजी है। हम इन आदर्शों द्वारा निर्देशित होते रहते हैं। हम उनके लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि यह हमारा अतीत नहीं है, बल्कि इसलिए कि यह हमारा भविष्य भी है।
इस अवसर पर, मैं देश सभी नागरिकों से महात्मा गांधी की महत्वपूर्ण शिक्षाओं से ज्ञान प्राप्त करने का अनुरोध करता हूं और बापू के आदर्शों को कार्यरूप में बदलने का प्रयास हम सभी को करना चाहिए। उनकी दूर दृष्टि हमें वर्तमान की चुनौतियों से बाहर निकाल सकती है और हमें एक मजबूत और पुनरुत्थानशील भारत बनाने में सक्षम बनाती है।
मुझे सुनने के लिए आप सभी का बहुत बहुत आभार।
गांधी जयंती पर भाषण -3
आज हम अपने प्यारे बापू की 150 वीं जन्म जयंती मना रहे हैं। गांधीजी दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए एक आशा की किरण हैं, जो समानता, गरिमा, समावेश और सशक्तिकरण का जीवन चाहते हैं।
आज की 21 वीं सदी में, महात्मा गांधी के विचार दुनिया की कई समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हैं। एक ऐसी दुनिया में जहाँ आतंकवाद, कट्टरता, उग्रवाद और नासमझी की नफरतें राष्ट्रों के साथ-साथ समाजों को विभाजित कर रही हैं, शांति और अहिंसा के उनके स्पष्ट विचारों में मानवता को एकजुट करने की शक्ति है।
गांधीजी के व्यक्तित्व के सबसे सुंदर पहलुओं में से एक यह था कि उन्होंने प्रत्येक भारतीय को यह महसूस कराया कि वह भारत की स्वतंत्रता के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने आत्म-विश्वास की एक ऐसी भावना पैदा की कि एक शिक्षक, वकील, डॉक्टर, किसान, मजदूर, उद्यमी सभी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दे रहे थे।
महात्मा गांधीजी की कुछ ऐसी सीखें हैं जो हम अपने जीवन में उतार सकते हैं जैसे की हिंसा ना करना, समय का सदुपयोग करना, पर्यावरण को बचाना, स्वच्छता रखना, स्वदेशी चीज वस्तुओं को महत्व देना आदि।
अंत में मैं यही कहूँगा कि आज अधिकांश भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ। हमें राष्ट्र के लिए मर मिटने का अवसर नहीं मिला, लेकिन अब हमें राष्ट्र के लिए जीना चाहिए और हर संभव प्रयास करना चाहिए अपने देश को आगे बढ़ाने में।
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
गांधी जयंती पर भाषण – 4
महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवन का सार इन शब्दों से कहा है “मेरा जीवन ही मेरा संदेश है” उनका बहुआयामी और गतिशील व्यक्तित्व सत्य पर आधारित था। वे अहिंसा के पुजारी थे और उनकी अहिंसा की ताकत को पूरे विश्व ने देखा जब भारत स्वतंत्र हो गया।
गांधीजी से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं और प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। उनके दिखाये गए रास्ते पर यदि हम चलें तो हमारा देश कई समस्याओं से बाहर आ सकता है।
हमेशा सत्य बोलना, हिंसा ना करना, अपने देश को स्वच्छ रखना, किसी भी प्रकार का भेदभाव ना करना आदि बातें गांधी बापू ने हमें सिखाईं हैं और मेरे ख्याल से ये चीजें हमें अपने जीवन में अवश्य उतारनी चाहिए।
केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया गांधीजी के विचारों से प्रभावित है, तभी तो सयुंक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर का दिन अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया, यह हम सभी भारत वासियों के लिए बड़े गर्व की बात है।
आइये हम सभी मिलकर महात्मा गांधीजी को उनकी जन्म जयंती पर याद करते हैं और विश्व को जो कुछ भी उन्होने दिया है उसके लिए उनका आभार प्रकट करते हैं।
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