भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध | Rashtra Dhwaj Nibandh | Indian National Flag Essay in Hindi
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध हमारे स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाले Students से अक्सर पूछा जाता है। इसीलिए हम यहाँ 150 words से लेकर 800 Words में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध सभी Class के विद्यार्थियों के लिए लेकर आए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध (150 शब्द)
हमारे देश की एकता, अखंडता और त्याग का प्रतीक हमारा राष्ट्रिय ध्वज पूरे विश्व में देश की पहचान है। अंग्रेजों के शासन से आज़ादी मिलने के कुछ समय पहले ही 26 जुलाई 1947 को तीन रंगो वाले हमारे राष्ट्रिय ध्वज को अपनाया गया था।
हमारे राष्ट्रिय ध्वज को तिरंगा भी कहा जाता है क्यूंकी यह तीन रंग – केसरिया, सफ़ेद और हरा से मिलकर बना हुआ है।
तिरंगे के मध्य में अशोक चक्र है जिसमे 24 तिलियाँ हैं। तिरंगे में केसरिया रंग त्याग, बलिदान का प्रतीक है, सफ़ेद रंग शांति और भाई चारे का प्रतीक है और हरा रंग खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है। मध्य में जो अशोक चक्र है वो समय के साथ चलने की सीख देता है।
हर साल स्वतन्त्रता दिन और गणतन्त्र दिवस के मौके पर हमारे देश के प्रधान मंत्री व राष्ट्रपति राष्ट्रिय ध्वज को लाल किले पर फहराते हैं। हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है की हम अपने राष्ट्रिय ध्वज का सम्मान करें।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे पर निबंध (250 शब्द)
हर देश का अपना राष्ट्रिय ध्वज होता है। हमारे भारत देश का भी राष्ट्रिय ध्वज है जिसे हम तिरंगा कहते हैं। तीन रंगो की पट्टी से सजे हमारे राष्ट्रिय ध्वज के मध्य में अशोक चक्र है जिसमे 24 तिलियाँ हैं।
देश की अखंडता, एकता, त्याग, बलिदान और शौर्य का प्रतीक हमारा तिरंगा हर साल राष्ट्रिय त्योहार स्वतंत्रता दिन और गणतन्त्र दिवस के मौके पर लाल किले से फहराया जाता है जिसे पूरे देश के नागरिक देखते हैं।
हमारे तिरंगे के तीन रंगो में केसरी रंग त्याग, बलिदान और शौर्य का प्रतीक है जो हमें यह याद दिलाता है की इस आज़ादी के पीछे कितने ही महान लोगों ने अपना बलिदान दिया है। मध्य में सफ़ेद रंग शांति का प्रतीक है और सबसे नीचे हरा रंग देश में खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है। तिरंगे के मध्य में अशोक चक्र हमें जीवन में सदा समय के साथ चलते रहने की प्रेरणा देता है।
हमारे राष्ट्रध्वज को देश की बड़ी-बड़ी सरकारी संस्थानों में फहराया जाता है। देश के हर नागरिक का यह कर्तव्य है की वो अपने तिरंगे का मान-सम्मान करे, इसी उद्देश्य से राष्ट्रिय ध्वज से जुड़े कुछ नियम भी बनाए गए हैं जिनका पालन करना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है।
हमारे भारतीय जवान अपने तिरंगे के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने से भी नहीं चूकते और शहीद होने पर उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे से लपेटा जाता है।
हमारा राष्ट्रिय ध्वज हमारा गर्व है, अभिमान है और ये इसी तरह हमेशा लहराता रहे और देश की एकता को बरकरार रखे ऐसी ही ईश्वर से मैं प्रार्थना करता हूँ।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध (400 शब्द)
किसी भी देश की पहचान उसका राष्ट्रिय ध्वज होता है। हमारे भारत देश का राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा है जो हमारे देश की एकता, अखंडता, शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। तिरंगे की तरफ हम जब भी देखते हैं तो हमें वो महा पुरुष याद आते हैं जिन्होने देश को आज़ादी दिलाने में अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। आज भी हमारे सेना के जवान इस तिरंगे की खातिर अपने प्राणों का बलिदान करने से नहीं कतराते।
15 अगस्त 1947 के दिन जब हमारा भारत देश आज़ाद हुआ उसके कुछ दिन पहले ही हमारे राष्ट्रिय ध्वज की अभीकल्पना पिंगली वैंकैयानन्द ने की थी और 22 जुलाई 1947 के दिन ही इसे देश के राष्ट्रिय ध्वज के रूप में अपना लिया गया था।
तीन रंगों से सजे हमारे राष्ट्रिय ध्वज के सबसे ऊपर केसरी रंग की पट्टी है जो की त्याग और बलिदान का प्रतीक है और हमें बताती है की किस तरह देश को आज़ाद कराने के लिए लोगों ने अपना बलिदान दिया। मध्य में सफ़ेद रंग की पट्टी सुख और शांति का प्रतीक है जो ये बताती है की अलग-अलग जाति-धर्म के लोग यहाँ सुख और शांति से रहते हैं। सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी है जो समृद्धि का प्रतीक है जो ये बताती है की हमारा भारत देश वास्तव में सोने की चिड़िया है।
हमारे राष्ट्रिय ध्वज के मध्य में नीले रंग का अशोक चक्र है जिसे सारनाथ मंदिर से लिया गया है। इस चक्र में कुल 24 तिलियाँ हैं। यह चक्र समय के साथ निरंतर चलने की सीख देता है।
हर साल 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है इस दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं और 26 जनवरी के दिन गणतन्त्र दिवस मनाया जाता है और इस दिन देश के राष्ट्रपति राष्ट्रिय ध्वज को फहराते हैं। भारत के सभी राज्यों की सरकारों के द्वारा हर वर्ष राष्ट्रिय त्योहारों पर तिरंगे को फहराया जाता है। इस मोके पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थानों में भी तिरंगे को फहराया जाता है।
देश के सैनिकों के लिए तिरंगा उनकी जान होता है और उसके मान सम्मान के लिए वो अपने प्राणों का बलिदान करने से भी नहीं चूकते।
देश के सभी नागरिकों का ये फर्ज है की वो अपने राष्ट्रिय ध्वज का हमेशा सम्मान करें और उसकी शान को बरकरार रखें। हमारा राष्ट्रिय ध्वज ही विश्व में हमारी पहचान बनता है और हम भारत देश के नागरिक हैं यह दर्शाता है अतः इसके मान-सम्मान की रक्षा करना भी हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध (600 शब्द)
पूरी दुनिया के सभी देशों के पास अपना-अपना राष्ट्रिय ध्वज होता है जो की उस देश की पहचान होता है। हमारे भारत देश का भी राष्ट्रिय ध्वज है जिसे हम तिरंगा भी कहते हैं। तिरंगा इसे हम इसलिए कहते हैं क्यूंकी इसमें तीन रंग हैं – केसरी, सफ़ेद और हरा। हमारा राष्ट्रिय ध्वज खादी के कपड़े से बनाया जाता है।
हमारा राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा देश की पहचान तो है ही लेकिन साथ में यह देश की एकता, अखंडता, त्याग, बलिदान और शौर्य का भी प्रतीक है। तिरंगे की ओर जब भी हम देखते हैं तो हमें उन वीर योद्धाओं की याद आती है जो की देश को आज़ाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुती दिये। हम अपनी सेना के उन जवानों को याद करते हैं जो आज भी सीमा पर तिरंगे के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर रहे हैं।
- हमारे राष्ट्रिय ध्वज के तीन रंग जिसमे सबसे ऊपर की पट्टी में केसरिया रंग त्याग, बलिदान और शौर्य का प्रतीक माना जाता है। ये रंग उन लोगों की याद दिलाता है जिनके शौर्य और बलिदान के कारण आज हम आज़ाद हैं।
- मध्य की पट्टी में सफ़ेद रंग है जो की सत्य और शांति का संदेश देता है। भारत देश हमेशा शांति का पक्षधर रहा है और सत्य की राह पर चलने वाला देश है।
- सबसे नीचे हरा रंग है जो की भारत की समृद्धि का प्रतीक है। हमारा देश प्राकृतिक संपदाओं से सम्पन्न खुशहाल देश है।
- राष्ट्रिय ध्वज के मध्य में नीले रंग का अशोक चक्र अंकित है जिसमे 24 तीलियों का समावेश है। यह अशोक चक्र सम्राट अशोक द्वारा निर्मित सारनाथ के मंदिर से लिया गया है। यह चक्र समय की निरंतरता का प्रतीक है जो यह संदेश देता है की हमें सदा समय के साथ चलना चाहिए।
राष्ट्रिय ध्वज तिरंगे को हर वर्ष लाल किले से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के द्वारा फहराया जाता है। 15 अगस्त के दिन जब हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे होते हैं तब देश के प्रधानमंत्री लाल किले से जन-गण मन के साथ तिरंगे को फहराते हैं और सलामी देते हैं जिसे पूरा देश देखता है। हर साल 26 जनवरी के दिन गणतन्त्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रिय ध्वज को फहराया जाता है।
इसी के साथ-साथ देश की सभी राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में राष्ट्रिय ध्वज की फहरातीं हैं और सलामी देतीं है। सरकारी संस्थानों, कॉलेज और स्कूलों में भी राष्ट्रिय ध्वज को फहराया जाता है।
हमारी भारतीय सेना के जवान भी सीमा पर तिरंगे की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने से नहीं चूकते। उनके लिए राष्ट्रिय ध्वज ही सब कुछ होता है। सीमा पर जब कोई जवान शहीद होता है तो उसके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है, ये सम्मान हर शहीद की दिया जाता है।
देश के राष्ट्रिय ध्वज का सभी सम्मान करें और इसके मान-सम्मान को किसी भी प्रकार की हानि ना पहुंचे इसलिए राष्ट्रिय ध्वज से जुड़े खास नियम बनाए गए जिसमे राष्ट्रिय ध्वज को कब फहराना चाहिए, किस प्रकार फहराना चाहिए और देश के नागरिकों को किस प्रकार से इसकी गरिमा को बनाए रखना चाहिए इस से जुड़े नियम बनाए गए हैं। यदि इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके खिलाफ सख़्त सजा का भी प्रावधान है।
हमारा राष्ट्रिय ध्वज हमारी पहचान है, हमारा स्वाभिमान है और इसकी गरिमा को बनाए रखना हर नागरिक का परम कर्तव्य है। एक विद्यार्थी होने के नाते स्कूल या कॉलेज में जहां भी राष्ट्रिय ध्वज फहराया जाता है वहाँ हमें भाग लेना चाहिए और तिरंगे को सलामी देनी चाहिए। हम यह सलामी राष्ट्रिय ध्वज को ही नहीं बल्कि उनको भी देते हैं जो तिरंगे के लिए अपना बलिदान दे रहे हैं। मेरा तिरंगा – मेरी शान। जय हिन्द
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
विश्व के सभी देशों के पास अपना-अपना राष्ट्रिय ध्वज होता है। किसी भी देश की पहचान उसके राष्ट्रिय ध्वज से ही होती है। हमारे भारत देश के पास भी अपना राष्ट्रिय ध्वज है जिसे हम तिरंगा कहते हैं। तिरंगा कहने का कारण इसकी बनावट है जो की तीन रंगों की पट्टियों से बना है – केसरी, सफ़ेद और हरा।
भारत के सभी नागरिक अपने तिरंगे की ओर बड़ी शान से देखते हैं और गर्व महसूस करते हैं की वो भारत के नागरिक हैं और याद करते हैं उन लोगों को जो तिरंगे की खातिर अपना बलिदान दे दिये।
राष्ट्रिय ध्वज का महत्व
हमारा राष्ट्रिय ध्वज तीन रंगों से बना है – केसरी रंग सबसे ऊपर की तरफ होता है। यह रंग हमें त्याग और बलिदान का संदेश देता है। देश को आज़ाद कराने में वीर सपूतों ने किस प्रकार शौर्य और साहस से दुश्मनों का मुक़ाबला किया उसकी याद हमें केसरी रंग दिलाता है।
मध्य में सफ़ेद रंग की पट्टी है। यह सफ़ेद रंग देश में शांति को दर्शाता है और सत्य का प्रतीक है। भारत देश मे अनेक जाती-धर्म के लोग निवास करते हैं। इतनी भिन्नता होने पर भी यहाँ शांति है इसका एहसास हमें सफ़ेद रंग कराता है और साथ ही साथ भारत देश सत्य की राह पर चलने वाला देश है यह संदेश दुनिया को यह सफ़ेद रंग देता है।
सबसे नीचे हरा रंग है जो की भारत देश की सुख और समृद्धि को दर्शाता है। भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है और यहाँ किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है, पूरी तरह से सम्पन्न देश है, इसी बात की अनुभूति यह हरा रंग कराता है।
राष्ट्रिय ध्वज के मध्य में नीले रंग का अशोक चक्र बना हुआ है। यह अशोक चक्र सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया है। यह चक्र हमें जीवन में समय के महत्व को बताता है की समय कभी रुकता नहीं है, इसलिए हमें सदा समय के साथ चलते रहना चाहिए।
राष्ट्रिय ध्वज का इतिहास
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की कल्पना सबसे पहले पिंगली वैंकैयानन्द ने की थी और इसे इसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था।
यह बैठक 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी। इसे 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया और इसके पश्चात भारतीय राष्ट्रिय ध्वज के रूप में इसे अपनाया गया।
राष्ट्रिय ध्वज को सलामी
देश के प्रमुख राष्ट्रिय त्योहार स्वतंत्रता दिवस और गणतन्त्र दिवस के मौके पर खास तौर से हमारे राष्ट्रिय ध्वज को फहराकर सलामी दी जाती है। 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिन के मौके पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्रिय ध्वज को फहराते हैं, साथ ही साथ जन गण मन का गायन भी होता है। तो वहीं 26 जनवरी के दिन गणतन्त्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति लाल किले राष्ट्रिय ध्वज की फहराते हैं।
इसी मौके पर देश के सभी राज्यों की राज्य सरकारें भी अपने-अपने राज्यों में राष्ट्रिय ध्वज को फहराकर सलामी देते हैं। सभी सरकारी संस्थानों में भी राष्ट्रिय ध्वज फहराया जाता है। स्कूल और कॉलेज में तिरंगे को फहराने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
सेना के लिए राष्ट्रिय ध्वज का महत्व
राष्ट्रिय ध्वज तिरंगे का क्या महत्व होता है यह हम देश के वीर सेना के जवानों से सीख सकते हैं। इस तिरंगे की खातिर हर रोज देश का जवान अपने प्राणों का बलिदान देता है। सेना के जवानों की शहादत को हम तिरंगे में देख सकते हैं।
ये तिरंगे का नशा ही है जो सेना के जवानों को तपती धूप में खड़ा रखता है, यह तिरंगे का नशा ही है जो उन्हें भयंकर ठंड में भी अडिग खड़ा रहने की शक्ति देता है और ये तिरंगे का नशा ही है जो दुश्मन से लड़ने की शक्ति उन्हें देता है।
राष्ट्रिय ध्वज के प्रति नागरिकों का कर्तव्य
हमारे राष्ट्रिय ध्वज का समान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। इसकी गरिमा और मान-सम्मान को कायम रखने की ज़िम्मेदारी हर नागरिक की है। हमें किसी भी हाल में ना तो अपने राष्ट्रिय ध्वज का अपमान करना चाहिए और ना ही अपमान होते हुये देखना चाहिए।
क्यूंकी हमारा राष्ट्रिय ध्वज हमारे देश के सम्मान का प्रतीक है, उसका अपमान देश का अपमान है, उन शहीदों का अपमान है अतः हमें एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज़ अदा करना चाहिए और अपने राष्ट्रिय ध्वज का सदैव सम्मान करना चाहिए।
उपसंहार
हमारा राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा देश की शान है। उन वीर सपूतों के बलिदान और शौर्य का प्रतीक है जो आज भी देश की रक्षा के लिए खड़े हुये हैं। एक विद्यार्थी होने के नाते मेरा ये कर्तव्य है की मैं अपने राष्ट्रिय ध्वज के मान-समान में सदैव खड़ा रहूँ। मुझे अपने तिरंगे पर नाज़ है और इसकी शान को मैं हमेशा बरकरार रखूँगा ऐसा मैं प्रण लेता हूँ।
Very nice
🙏🙏🙏