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मेरे पिता पर निबंध | My Father essay in Hindi

मेरे पिता पर निबंध | मेरे पापा – निबंध | My Father essay in Hindi 

एक माँ बच्चे को अगर जन्म देती है तो एक पिता उसका लालन-पालन करता है। पिता ही होता है जो बच्चे की हर जरूरत को मेहनत करके पूरा करता है, उसकी खुशियों के लिए रात-दिन एक कर देता है। 

पिता के इसी महत्व पर हम लेकर आए हैं – मेरे पिता पर निबंध 

Mere Papa hindi esssay in 150, 200, 300 and 600 words for students.

मेरे पिता पर संक्षिप्त निबंध (150 शब्द)

मेरे पापा इस दुनिया के सबसे अच्छे पापा है, मैं उन्हें बड़े सम्मान से पिताजी कहके पुकारता हूँ। मेरे पिता मेरे लिए आदर्श है और मैं भी उन्हीं के आदर्शों पर चलने का प्रयत्न करता रहूँगा। उनमें वो सारी योग्यताएं विद्यमान हैं जो एक श्रेष्ठ पिता में होनी चाहिए। मेरे पिताजी केवल एक पिता का ही नहीं बल्कि एक अच्छे दोस्त का भी फर्ज निभाते हैं, एक ऐसा दोस्त जो हमेशा मुझे अच्छे-बुरे का आभास कराता है।

मेरे पिताजी मुझे जीवन में किसी भी परस्थिति में हार न मानने और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देते हुए मेरा हौसला बढ़ाते हैं। पिता से अच्छा मार्गदर्शक कोई हो ही नहीं सकता। हर बच्चा अपने पिता से ही सारे गुण सीखता है जो उसे जीवन भर परिस्थितियों के अनुसार ढलने के काम आते हैं। उनके पास सदैव हमें देने के लिए ज्ञान का अमूल्य भंडार होता है जो कभी खत्म नहीं होता।

मेरे पापा पर निबंध (200 शब्द)

मेरे पिता का नाम रमेश शर्मा है और मैं प्यार से उन्हें पापा पुकारता हूँ क्यूंकी इस शब्द में एक अपनापन है, एक प्यार है। मेरे पापा मेरे लिए आदर्श हैं, एक पिता में जिस प्रकार के गुण होने चाहिए वो सारे गुण मेरे पापा में हैं। मैं दुनिया का सबसे भाग्यशाली बेटा हूँ जो मुझे ऐसे पिता मिले।

मेरे पापा मेरे साथ हमेशा एक दोस्त की तरह व्यवहार करते हैं। एक सच्चा दोस्त जिस प्रकार हमारे काम आता है बस उसी तरह वो भी हमेशा मुझे अच्छी बातों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। घर में उनका व्यवहार बड़ा विनम्र है और वो कभी भी क्रोध नहीं करते। मेरे दादा-दादी हमेशा मुझसे कहते हैं की बेटा जीवन में हमेशा अपने पापा जैसा बनने की कोशिश करना।

पापा दादा-दादी का बहुत ख्याल रखते हैं। माँ के साथ उनका प्रेम भरा व्यवहार उन्हें एक श्रेष्ठ पति बनाता है। मेरी सारी जरूरतों का वो बड़ी बारीकी से ख्याल रखते हैं, मैं जो भी मांग करता हूँ वो तुरंत उसे पूरा करते हैं।

कितना खुश-नशीब हूँ मैं की मुझे एक पिता के रूप में एक ऐसा दोस्त मिला जो कदम-कदम पर मेरा हाथ थामकर मुझे हर मुसीबत से निकाल लेता है। पापा आइ लव यू

मेरे पिता पर निबंध (300 शब्द)

अगर कोई मुझसे ये पूछे की भगवान ने तुम्हें सबसे अच्छी चीज कौन सी दी है तो मैं कहूँगा – मेरे पिताजी। ये मेरा सौभाग्य है की पिता के रूप में मुझे भगवान मिला है जो मेरी उंगली पकड़कर मुझे जीवन की राह दिखा रहे हैं, मुझे जीवन में अच्छे-बुरे का ज्ञान करा रहे हैं, मेरे भविष्य को संवार रहे हैं। एक माँ अगर हमें जन्म देती है तो एक पिता हमारा पालन करता है।

मेरे पिताजी ही मेरा आदर्श हैं क्यूंकी उनका व्यक्तित्व, चरित्र, व्यवहार उन्हें एक अच्छा इंसान के रूप में चरितार्थ करता है। घर में और बाहर उनका व्यवहार इस प्रकार का है की सभी उनकी प्रशंसा करते हैं।

पिताजी मेरे साथ एक मित्र की तरह व्यवहार करते हैं, मुझ पर कभी भी किसी बात के लिए गुस्सा नहीं करते। यदि मैं कोई गलती भी कर देता हूँ तो नाराज होने की बजाय वो मुझे प्यार से उस गलती का एहसास कराते हैं। वो मुझे हमेशा अच्छी-अच्छी बातों का अनुसरण करने के लिए कहते हैं।

मेरे पिताजी समय के बड़े पाबंद हैं और उनका दैनिक जीवान भी बड़ा ही अनुशासित है। उनका कहना है की अनुशासन से चलने वाला व्यक्ति कभी असफल नहीं होता। घर के कई कामों में भी वो माँ का हाथ बँटाते हैं, उनका कहना है कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता।

पापा मेरी हर खुशी का ख्याल रखते हैं, भले ही वो अपने लिए एक पैसा ना खर्च करें लेकिन मुझे हर चीज लेकर देते हैं। जब भी उन्हें समय मिलता है वो हमें बाहर घुमाने जरूर ले जाते हैं।

एक आदर्श बेटा, एक आदर्श पति और एक आदर्श पिता – ये सारे रूप मुझे मेरे पिताजी में दिखाई देते हैं। मैं भी अपने जीवन में उन्हीं के बताए हुये रास्ते पर चलकर उनके जैसा बनने का प्रयत्न करूंगा।

मेरे पिता पर निबंध (600 शब्द)

एक पिता ही बेटे का आदर्श हो सकता है इसलिए मेरे पापा ही मेरे लिए एक आदर्श हैं। एक अच्छा इंसान, अच्छा बेटा, अच्छा पति कैसा होना चाहिए वो सभी गुण मुझे मेरे पापा में दिखाई देते हैं। एक पिता के अंदर जो योग्यताएँ होनी चाहिए वो सारी मेरे पापा में मौजूद हैं।

मेरे पापा एक मित्र के रूप में

मेरा पापा मेरे लिए एक सच्चे मित्र भी हैं, एक ऐसा मित्र जो मुझे समय-समय पर अच्छे-बुरे का आभास कराता है। पापा हमेशा मेरा हौसला बढ़ाते हुये यही कहते हैं की जीवन में कभी भी हार मत मानो और हर परिस्थिति का सामना करते हुये आगे बढ़ो।

जिस तरह एक मित्र हमारे साथ बात करता है वैसे ही पापा मेरे साथ बात-व्यवहार करते हैं। मुझे हमेशा यही लगता है की वो मेरे दोस्त ही हैं। पापा एक दोस्त की तरह मेरी हर बात को सुनते हैं और जब मैं परेशान होता हूँ तो वो मेरा सहारा बनते हैं।

एक अच्छे मार्गदर्शक

एक पिता से अच्छा मार्गदर्शक और कोई नहीं हो सकता। हर बच्चे को एक पिता ही सिखाता है की जीवन में कैसे मुश्किलों का सामना करना है। पिता के पास वो ज्ञान का भंडार होता है जो कभी खाली नहीं होता। पापा ने ही मुझे चलना सिखाया, मुझे अच्छी-अच्छी बातों के बारे में बताया और मेरे लिए क्या बुरा है इसका एहसास भी वही कराते हैं।

जब भी मुझे कोई समस्या का हल नहीं मिलता उस समय पापा मेरे मार्गदर्शक बनते हैं और चुटकियों में वो मुझे ऐसा हल बता देते हैं की मेरी समस्या ही खतम हो जाती है।

अनेक गुणों के धनी

मेरे पापा एक धैर्यवान व्यक्ति हैं। कैसी भी विकट परिस्थिति हो वो अपना धीरज कभी नहीं खोते। पापा मुझे हमेशा एक ही चीज सिखाते हैं की जीवन में अपने आप पर नियंत्रण रखना जरूरी है। वो कभी भी मुझ पर या माँ पर कभी भी क्रोध नहीं करते।

पापा मुझे अनुशासन का महत्व समझाते हुये कहते हैं की अनुशासन से चलने वाला व्यक्ति हमेशा सफल होता है। उनका जीवन भी अनुशासित है। सुबह जल्दी उठना, समय पर काम पर जाना, समय पर भोजन करना यह उनकी नित्य क्रियाओं में शामिल है। छुट्टी के समय वो हमें घुमाने बाहर भी ले जाते हैं।

मेरे पापा मुझसे, और परिवार के सभी लोगों से बहुत प्रेम करते हैं, वे घर में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने देते और हमारी जरूरतें और फरमाइशें भी पूरी करते हैं। किसी भी प्रकर की गलती होने पर वे हमें डांटने के बजाए हमेशा प्यार से समझाते हैं और गलतियों के परिणाम बताते हुए दोबारा न करने की सीख भी देते हैं।

घर में दादा-दादी भी पापा की बहुत प्रशंसा करते हैं और कहते हैं की बेटा हो तो ऐसा। पापा भी दादा-दादी के हर रोज पैर छूकर ही काम के लिए बाहर निकलते हैं। पापा का कहना है की बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद बड़े सौभाग्य से मिलता है अतः उनका सम्मान करना चाहिए।

उपसंहार 

दुनिया के सारे कष्ट सहकर, सारी विपत्तियों को अपने ऊपर लेकर भी पापा हमारी सभी जरूरतों को पूरा करते हैं, यह सब देखकर मेरे दिल में उनके लिए मान-सम्मान और भी बढ़ जाता है। एक पिता हर बच्चे के लिए ईश्वर का रूप होता है जो उनका लालन-पालन करता है। अपने बच्चों की खुशी में पापा अपनी खुशियों को भूल जाते हैं और रात दिन मेहनत कर घर के लोगों को सभी खुशियाँ बटोरकर देते हैं।

कितना खुशनशीब हूँ मैं जो मुझे ऐसे व्यक्तिव के धनी पिता मिले जो अपने बच्चों की खुशियों के बारे में ही सोचते हैं। ईश्वर ऐसा पिता हर बेटे को दे।

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