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राष्ट्रीय युवा दिवस भाषण | National Youth Day Hindi Speech

राष्ट्रीय युवा दिवस भाषण | National Youth Day Hindi Speech 

हमारे भारत देश में राष्ट्रीय युवा दिवस को हर साल 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए सबसे बड़े प्रेरणा का स्त्रोत हैं और उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। राष्ट्रीय युवा दिवस के इसी अवसर पर हम लेकर आए हैं – राष्ट्रीय युवा दिवस पर भाषण जो आप अपने स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थानों में दे सकते हैं। 

राष्ट्रीय युवा दिवस पर भाषण 

सबसे पहले तो आप सभी का हृदय से धन्यवाद मुझे राष्ट्रीय युवा दिवस पर अपनी बात प्रस्तुत करने के लिए –

आज हम युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती पर, राष्ट्रीय युवा दिवस मना रहे हैं। वो युवा जो देश का भविष्य बदलने की क्षमता रखता है।

मेरे नौजवान साथियों, हमने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, इसलिए हमारी बड़ी जिम्मेदारी उन सपनों को पूरा करने की है, जो सपने उस समय आजादी के दीवानों ने देखे थे।

जब जेल में ब्रिटिश पुलिस कोड़े बरसाती थी, तो उस समय अंधेरी कोठरी में सब कुछ बर्दाश्त करते हुये हमारे वीर सेनानी जिस भारत का सपना देख रहे थे, इस भारत को बनाने की ज़िम्मेदारी हम सभी युवाओं की है। जब हम उस कल्पना को, उस सपने को जीत जाएंगे, उनके सपनों के भारत के लिए संकल्प भी ले पाएंगे।  

स्वामी विवेकानंद कहते थे कि –

“युवा वो होता है जो बिना अतीत की चिंता किए अपने भविष्य के लक्ष्यों की दिशा में काम करता है”। आप सभी युवा, जो आज काम करते हैं, वही देश के भविष्य की दिशा तय करता है। इसलिए आप जो आज संकल्प लेंगे, वही सिद्ध होकर देश को भी सिद्ध करेंगे।”

साथियों, हर व्यक्ति को कभी ना कभी अकेले ही शुरुआत करनी होती है आपकी नीयत साफ होती है, इरादे स्पष्ट होते हैं, हौसले बुलंद होते हैं तो आपके साथ अपने आप ही  लोग जुड़ने लगते हैं। मेरी आज आपसे यही अपेक्षा है कि पहला कदम उठाने से पहले, कुछ संकल्प करके नई शुरुआत करने से पहले घबराएं नहीं, बस ठान लें और चल पड़ें।

एक प्रख्यात गीतकार ने क्या खूब लिखा है –

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर,
लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया”।

इस देश का नौजवान जब ठान लेता है, तो कुछ भी कर गुजरता है। ऊर्जा से भरे ऐसे नौजवान देश के हर कोने में उपस्थित हैं कोई पहाड़ों से निकलने वाले छोटे झरनों से बिजली बना रहा है, कोई कूड़े से बिजली पैदा कर रहा है, कोई कूड़े से घर निर्माण की चीजें बना रहा है, कोई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए गांव में स्वास्थ्य  सुविधाएं पहुंचा रहा है, ऐसे करोड़ों युवा राष्ट्र निर्माण के लिए दिन रात एक कर रहे हैं।

साथियों, मुझे देश के नौजवानों पर पूरा भरोसा है, देश की युवा शक्ति, युवा ऊर्जा पर पूरा भरोसा है। देश के सपने अगर कहीं निवास करते हैं तो देश के युवा हृदय में करते हैं।

भारत के युवा में ये सामर्थ्य है कि वो जहां भी गया है, अपना और देश का नाम रोशन या है। विदेशों में आज बड़ी बड़ी कंपनयियों के सीईओ भारत के हैं, क्या ये हमारे लिए गर्व का विषय नहीं है। 

आइए, हम सभी मिलकर, देश के नौजवान मिलकर, परिश्रम की पराकाष्ठा करें,अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगाएं और एक नया भारत बनाएँ।

एक बार फिर आप सभी को युवा दिवस की शुभकामनाओं के साथ

स्वामी विवेकानंद का पुनः स्मरण करते हुए, उन्होंने जो मार्ग दिखाया है, सामाजिक समरसता का मार्ग दिखाया है, ऊँच नीच के भेद से मुक्ति का मार्ग दिखाया है, राष्ट्र के लिए जीने मरने का मार्ग दिखाया है ऐसे महा पुरुष के जन्मदिन पर युवा प्रेरणा, युवा सामर्थ्य, युवा संकल्प के साथ आप आगे बढ़ें इन ही शुभकामनाएं के साथ,  मैं अपनी वाणी को समाप्त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !!

राष्ट्रिय युवा दिवस – भाषण 2

सर्वप्रथम यहाँ उपस्थित सभी महानुभावों को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के अवसर पर, राष्ट्रिय युवा दिवस पर बहुत – बहुत शुभकमनाएं।

स्वामी विवेकानंद का होना सिर्फ एक व्यक्ति का होना नहीं है, बल्कि वो एक जीवन धारा का, जीवन शैली का नामरूप है। उन्होंने दरिद्रनारायण की सेवा और भारत भक्ति को ही अपने जीवन का आदि और अंत मान भी लिया, जी भी लिया और जीने के लिए आज भी करोड़ों युवाओं को रास्‍ता भी दिखा दिया।

देश का हर युवा चाहे विवेकानंद को जानता हो या न जानता हो। जाने-अनजाने में भी उसी संकल्प का ही हिस्सा हैं। वक्‍त बदला है, दशक बदले हैं, सदी बदल गई है, लेकिन स्वामी जी के उस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने का जिम्‍मा हम पर भी है, आने वाली पीढि़यों पर भी है। और ये काम कोई ऐसा नहीं है कि एक बार कर दिया तो हो गया। ये अभिरथ करने का काम है, निरंतर करने का काम है, युग-युग तक करने का काम है।

स्वामी जी की वो बात हमें हमेशा याद रखनी होगी जब वो कहते थे कि “अगर मुझे सौ ऊर्जावान युवा मिल जाएं, तो मैं भारत को बदल दूंगा”। स्‍वामी जी ने कभी ये नहीं कहा कि मुझे सौ लोग मिल जाएंगे तो मैं ये बन जाऊंगा… ऐसा नहीं कहा, उन्‍होंने ये कहा कि भारत बदल जाएगा। यानि परिवर्तन के लिए हमारी ऊर्जा, कुछ करने का जोश ही ये ज़ज्‍बा बहुत आवश्यक है।

21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए, नए भारत के निर्माण के लिए तो करोड़ों ऊर्जावान युवा आज हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में खड़े हुए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी का खज़ाना भारत के पास है।

आज इस युवा दिवस पर हम सभी युवाओं को एक संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए और अपने इस भारत देश को आने वाले समय में एक ऐसा देश बनाना है जो सबके लिए प्रेरणा का स्त्रोत हो।

अपनी बात को मैं यहीं विराम दूंगा, आप सभी महानुभावों का हृदय से धन्यवाद। वंदे मातरम। जय भारत।

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