देश मे आजकल NRC (National Register Of Citizens of India) की चर्चा जोरों पर है। क्या आप जानना नहीं चाहेंगे की आखिर ये एनआरसी (NRC) क्या है और इसकी क्या जरूरत आन पड़ी, इसमे क्या होता है?
आज हम आपको एनआरसी के बारे जरूरी तथ्य बताने जा रहे हैं ताकि आपको भी इसके बारे मे जानकारी मिल सके।
क्या है NRC (एनआरसी)?
देश के असम राज्य मे अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेश के लोगों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने के लिए सरकार ने NRC का गठन किया। इसका मुख्य उद्देश्य अवैध लोगों को पहचान कर उन्हे वापस बांग्लादेश मे भेजना है।
असम के अभी करीब 40 लाख से ज्यादा अवैध बंगलादेशी हैं और उन्हे निकालने के लिए वहाँ के कई स्थानीय यूनियन ने आंदोलन किए हैं और पिछले 37 साल से यह विरोध चल रहा है।
1951 मे असम मे जन गणना हुई तब पहली एनआरसी लिस्ट तैयार की गयी थी और उसके बाद अब 2016-2017 को नयी सूची तैयार की गयी है।
NRC का इतिहास
भारत देश 1947 मे आजाद हुआ और एक नया देश पाकिस्तान बना। 1971 मे भारत ने पाकिस्तान के पूर्वी भाग को अलग कर बांग्लादेश का निर्माण किया और दुनिया मे एक नए देश “बांग्लादेश” आस्तित्व में आया।
1971 मे जब अफरा-तफरी का माहोल था, उस समय बांग्लादेश से बहुत सारे लोग भारत की सीमा मे घुस आए और असम मे आकर रहने लगे। इतनी संख्या मे लोगो के आने से असम मे कई सामाजिक और आर्थिक समस्याएँ सामने आने लगीं, साथ-साथ वहाँ के स्थायी लोगो और अवैध तरीके से घुसे हुये लोगो के बीच संघर्ष होने लगा।
1985 मे राजीव गांधी की सरकार ने इस मामले को सुलझाने की कोशिश की पर विफल रहे। उसके बाद 2005 मे केंद्र और राज्य सरकार से NRC draft तैयार करने का निर्णय लिया। लेकिन मामला बीच में ही लटक कर रह गया।
2014 मे तेज हुई प्रक्रिया
2014 मे मोदी सरकार आने के बाद अवैध घुसपेठ किए लोगों को निकालने के लिए फिर से प्रक्रिया तेज हुई। उसके बाद 2015 मे कोर्ट ने NRC list तैयार करने के लिए निर्देश दिया जिसमे अवैध लोगों की पहचान करने के लिए कहा गया।
2016 मे इस काम मे और तेजी आई और 2018 मे जाकर NRC की सूची सामने आई जिसमे 40 लाख लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाये। हालाकी सरकार ने ये साफ किया की ये कोई फ़ाइनल लिस्ट नहीं है और इसमें कई गलतियाँ हैं जिनको सुधारा जाना बाकी है और फ़ाइनल लिस्ट बाद में आएगी।
NRC को लेकर विवाद
एनआरसी लिस्ट आते ही इसको लेकर कई विवाद भी सामने आए और विपक्ष ने सरकार पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया।
इस एनआरसी लिस्ट मे कई गलतियाँ बाहर आयीं जिसमे एक ही परिवार के कुछ लोगों का नाम सूची मे था और कुछ का नहीं। हालाकी सरकार ने इस मामले मे सफाई देते हुये कहा की अभी यह फ़ाइनल लिस्ट नहीं है और सबको अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा अवसर दिया जाएगा। यहाँ तक की व्यक्ति कोर्ट का दरवाजा भी खट खटा सकता है।
खैर ये तो वक़्त ही बताएगा की एनआरसी का क्या परिणाम निकलकर आता है। आशा करते हैं आपको समझ मे आ गया होगा की आखिर एनआरसी क्या है और क्यूँ ये चर्चा का केंद्र बना हुआ है।