स्वच्छ भारत अभियान हिन्दी निबंध | Swachh Bharat abhiyan Essay in Hindi
महात्मा गांधीजी ने कहा था – “स्वतंत्रता से स्वच्छता अधिक महत्वपूर्ण है।” उनके इसी विचार से प्रेरणा लेकर देश मे पिछले चार सालों से एक बहुत बड़ा सफाई अभियान शुरू हुआ है जिसका मुख्य उद्देश्य उस सोच पर चोट करना है जो लोगों को गंदगी में जीवन जीने के लिए मजबूर करती है।
स्वच्छ भारत अभियान क्या है?
देश को स्वच्छता की ओर ले जाने वाले मिशन की शुरुआत आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 से शुरू की थी जिसको नाम दिया गया स्वच्छ भारत अभियान या स्वच्छ भारत मिशन। इस अभियान के तहत देश के कोने-कोने की साफ – सुथरा और स्वच्छ बनाना है।
स्वच्छ भारत अभियान या स्वच्छ भारत मिशन एक बहुत बड़ा राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसका उद्देश्य 2014 से लेकर 2019 तक भारत के सभी शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों, सड़कों और आस-पास के वातावरण को साफ करना है।
आज भी हमारे देश मे लोगों मे स्वच्छता को लेकर जागरूकता का अभाव है, शायद इसी वजह से जगह-जगह हमें गंदगी देखने को मिलती है। बात सिर्फ यहीं खतम नहीं होती, ग्रामीण इलाकों मे आज भी लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं।
देश को जरूरत थी एक ऐसे बड़े राष्ट्रव्यापी अभियान की जो देश के लोगों में स्वच्छता को लेकर एक नहीं चेतना लेकर आए और 2014 में ऐसे ही एक अभियान की शुरुआत हुई – स्वच्छ भारत अभियान।
महात्मा गांधी जी हमेशा लोगों को यही शिक्षा देते थे की स्वच्छता के बिना हम स्वतंत्र नहीं है और वो स्वतन्त्रता से भी ज्यादा महत्व रखती है। महात्मा गांधी को आदर्श मानकर इस अभियान की 2 ओक्टोबर 2014 से शुरुआत हुई।
स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य
स्वच्छ भारत मिशन कई बड़े उद्देश्यों को ध्यान मे रखकर शुरू किया गया है और उन सभी उद्देश्यों को 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इस अभियान के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं –
शौचालयों का निर्माण और जवाब देह तंत्र की स्थापना
देश के ग्रामीण इलाकों मे आज भी लोग खुले मे शौच के लिए जाने को मजबूर हैं। इसका कारण पहले की पुरानी सोच है भी है और साथ ही साथ पर्याप्त आर्थिक सहायता उन्हें नहीं मिल पाती शौचालय बनाने के लिए।
भारत सरकार ने अब यह तय कर लिया की चाहे गाँव हो या शहर, सभी जगह शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। हर घर मे एक शौचालय, सामूहिक शौचालय अब हर गाँव में बनेंगे। सरकार इसके लिए आर्थिक मदद भी कर रही है।
गाँव के लोग खुले मे शौच करने की सोच से बाहर आयें इसके लिए उन्हें जाग्रत किया जा रहा है। सरकार का यह लक्ष्य है की 2019 तक सभी गाँव, स्कूलों में शौचालय हो।
सरकार ने इस पर निगरानी रखने के लिए एक जवाबदेह तंत्र की भी स्थापना की है जो की शौचालयों के निर्माण और उसका उपयोग सही ठंग से हो रहा है या नहीं इस पर नज़र रखेगा।
खुले मे शौच से मुक्त भारत
खुले मे शौच करने की वजह से हर साल डायरिया से हजारों बच्चों की मौतें होतीं है। आज भी शहरों-और गाँव मे शौचालय ना होने की वजह से लोग खुले में जाने को मजबूर हैं। 2019 तक भारत को खुले मे शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य इस अभियान मे रखा गया है।
शहरों में तो लोगों मे खुले में शौच को लेकर जागरूकता है, लेकिन ग्रामीण इलाके आज भी वही पुरानी सोच के चलते खुले मे शौच के लिए जाते हैं। इसी वजह से जगह-जगह गंदगी फैलती है और लोग बीमारियों का शिकार बनते हैं।
लोगों को जागरूक करना
स्वच्छता को लेकर जब तक लोग अपनी सोच नहीं बदलेंगे तब तक सब कुछ व्यर्थ है। इस अभियान का यह भी एक उद्देश्य है की लोगों को स्वच्छता का महत्व समझाना, उनकी सोच को बदलना।
सरकार ने इसके लिए कई कदम उठाएँ हैं। गाँव और शहरों में जगह-जगह लोगों मे जागृति लाने का काम किया जा रहा है। टेलीविज़न, समाचार पत्रों, नाटकों, इंटरनेट आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम चल रहा है।
स्कूलों मे बच्चों को साफ-सफाई का पाठ पढ़ाया जा रहा है। गाँव-गाँव जाकर लोगों को जीने का सही तरीका समझाया जा रहा है।
गांवों को साफ करना
भारत के गांवों मे आज भी लोग गंदगी मे रहने को मजबूर हैं। पहले तो वहाँ शौचालय की कमी है और दूसरी वहाँ गंदगी भी है जिसकी वजह से बीमारियाँ फैलतीं हैं।
गांवों की साफ-सफाई करना और लोगों को सफाई के तौर तरीके समझाना भी इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
कचरे के निकाल की उचित व्यवस्था
कूड़े-कचरे के निकाल की उचित व्यवस्था ना होने के कारण लोग कहीं भी कचरा फेंक देते हैं। शहरों में खासकर इसी वजह से गंदगी देखने को मिलती है।
इस मिशन के तहत यह तय किया गया है की अब कचरे के निकाल के लिए भी उचित व्यवस्था कराई जाएगी।
शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराना
शहरों-गाँव में आज भी लोगों को साफ पीने का पानी नहीं मिलता और वो अशुद्ध पानी पीने को मजबूर हैं जिसके कारण डायरिया जैसी कई बीमारियाँ फैलतीं हैं। सरकार ने अब गाँव-शहरों मे जहां साफ पानी की सुविधा नहीं हैं वहाँ पाइपलाइन बिछाने का निश्चय किया है।
स्वच्छता मिशन से जुड़े प्रसिद्ध लोग
स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए और इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए सरकार ने कई मशहूर हस्तियों को इस अभियान के साथ जोड़ा हैं। फिल्म-जगत, खेल जगत के जाने माने सितारे इस अभियान से जुड़े हैं और लोगों को जागृत करने का काम कर रहे हैं।
स्वच्छता अभियान से जुड़ीं प्रमुख हस्तियों मे फिल्मी जगत से अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, कमाल हसन, अक्षय कुमार, कैलाश खेर, शिल्पा शेट्टी, रवीना टंडन,संजय दत्त, जुही चावला आदि शामिल है।
वहीं दूसरी तरफ खेल जगत से भी प्रमुख हस्तियाँ इस अभियान में शामिल हुईं जिनमें विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, सौरव गांगुली, सुरेश रैना का नाम शामिल है।
इसके अलावा भी अन्य महशूर लोग बाबा रामदेव, अखिलेश यादव, किरण बेदी, शशि थरूर, राजू श्रीवास्तव भी इस मिशन का हिस्सा हैं।
स्वच्छ भारत अभियान की उपलब्धियां
2 ओक्टोबर 2014 से इस अभियान की शुरुआत हुई, तब से लेकर इन चार सालों मे जो परिवर्तन आया है वो सराहनीय है। सरकार और आम लोगों की कोशिशों का ही नतीजा है की काफी हद तक लोगों को ये समझाने में हम सफल रहे हैं की स्वच्छता ही सबसे बड़ी स्वतन्त्रता है।
सबसे बड़ी उपलब्धि यह मिली है की आज देश के अधिकतर गाँव खुले में शौच से मुक्त हुये हैं। घर-घर शौचालय बन जाने से अब लोगों को खुले में नहीं जाना पड़ता।
दूसरी सबसे बड़ी कामयाबी यह मिली है की अब हर गाँव-शहर और कस्बों मे शौचालयों का निर्माण तेजी से हो रहा है, इसमे सरकार भी आर्थिक मदद कर रही है और संस्थाएं भी।
तीसरी सबसे बड़ी उपलब्धि है कूड़ा-कचड़ा के निकाल की। शहरों मे अब घर-घर जाकर कचड़े की गाड़ियों के माध्यम से उसका निकाल किया जाता है। सरकार ने इसके लिए कूड़ादान का वितरण भी किया है। ग्रामीण इलाकों में भी वेस्ट मैनेजमेंट पर काम जारी है।
पीने का साफ पानी लोगों को मिले इसके लिए पानी की पाइप बिछाने का काम ज़ोरों पर है और 2019 तक सभी को पीने का साफ पानी मिले ऐसा लक्ष्य तय किया गया है। साफ पानी मिलने से कई गांवों मे डायरिया से होने वाली मौतों में कमी आई है।
खुले में शौच और गंदगी के कारण बीमारियाँ फैलतीं थी और उनके इलाज मे लोगों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता था, अभी हाल ही मे एक सर्वे से पता चला है की सफाई अभियान से लोगों ने अपने जीवन स्तर को बदला है और उसकी वजह से बीमारियाँ कम फैलतीं है और लोगों की आय की भी बचत हुई है।
सफाई को लेकर जो जन-जागृति के काम हो रहे हैं उनकी वजह से लोगों की सोच मे भी बदलाव देखने को मिला है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत सबसे साफ शहर
इस अभियान का असर अब धीरे दिखने लगा है और देश के प्रमुख सबसे साफ शहरों की सूची भी जारी की गयी है जो की इस प्रकार है।
क्रम | सबसे साफ शहर (2017) | राज्य |
---|---|---|
1 | इंदौर | मध्य प्रदेश |
2 | भोपाल | मध्य प्रदेश |
3 | विशाखपटनम | आंध्र प्रदेश |
4 | सूरत | गुजरात |
5 | मैसूर | कर्नाटक |
6 | तिरुचिरापल्ली | तमिलनाडु |
7 | दिल्ली | दिल्ली |
8 | मुंबई | महाराष्ट्र |
9 | तिरुपति | आन्ध्रप्रदेश |
10 | वडोदरा | गुजरात |
स्वच्छ भारत अभियान के नारे और स्लोगन
तरह-तरह के स्लोगन और नारों से इस अभियान को सफल बनाने की कोशिश की जा रही है। इस तरह के नारे लोगों के मन को स्वच्छता की ओर प्रेरित करते हैं।
स्वच्छता को अपनाना है,
गंदगी को दूर भागना है।
एक कदम स्वच्छता की ओर।
हम सबका यही सपना,
स्वच्छ हो भारत अपना।
एक नया सवेरा लाएँगे,
पूरे भारत को स्वच्छ बनाएँगे।
हम सबका एक ही नारा,
साफ-सुथरा हो देश हमारा।
स्वच्छ रहें, स्वस्थ रहें।
स्वच्छता अपनाओ, स्वच्छता अपनाओ,
देश को अपने सुंदर बनाओ।
सब रोगों की बस एक दवाई,
घर में रखो साफ़-सफाई।
जब होगी हर डगर, हर गली साफ,
तभी पूरी होगी स्वच्छ भारत की आस।
बीमारियों का भूत भगाओ,
स्वच्छता का मंत्र अपनाओ।
देश के हर एक नागरिक की यह ज़िम्मेदारी है की वो अपने घर और आस-पास का वातावरण साफ-सुथरा रखे और हमें इस ज़िम्मेदारी को पूरे जोश के साथ निभाना है। स्वच्छ भारत अभियान से जुड़कर आइये हब सब स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का सपना साकार करें।